नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। चिड़ियाघर में अब तक हाथी, शेर, गेंडा और पक्षी देखने के लिए आने वाले पर्यटकों को अब चिड़ियाघर का जंगल भी लुभाएगा। चिड़ियाघर की छह एकड़ जमीन पर ट्री प्वाइंट बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें 100 तरह के पौधे लगाने का काम किया जा रहा है, जिसमें से 60 तरह के पौधे लगाए भी जा चुके हैं।
छह एकड़ में लगेंगे 100 तरह के पेड़, बनाया जाएगा जंगल
छह एकड़ में 100 तरह के पेड़ लगने से पर्यावरण को भी लाभ होगा। प्रबंधन का कहना है कि पर्यटकों के लिए ट्री प्वाइंट बनाने का तेजी से किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि चिड़ियाघर के मध्य क्षेत्र में करीब छह एकड़ ऐसी जमीन थी, जिसमें पहले से कई तरह के पेड़ लगे हुए थे।
वहीं, बाद में इस जमीन पर चिड़ियाघर के अंदर और बाहर का कूड़ा डाले जाने लगा, जिसकी वजह से वहां कूड़े का ढेर एकत्रित हो गया। निदेशक ने बताया कि लाकडाउन के दौरान उन्होंने कूड़े के ढेर को खत्म कराने का काम किया, जिसके लिए एनडीएमसी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मदद ली। उन्होंने बताया कि अब इस जमीन को साफ कराकर इसमें पेड़ लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम से मंगाए जा रहे पेड़
इसके लिए दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम की नर्सरी से पेड़ मंगाए जा रहे हैं, जिन्हें लगाया जा रहा है। अब तक 60 से अधिक प्रकार के पौधे लगाए जा चुके हैं। वहीं, पहले से भी पेड़ लगे हुए थे। अधिकारियों का कहना है कि पक्षी, सांप और जानवरों के साथ लोग एक साथ 100 प्रकार के पेड़ एक ही स्थान पर देख सकते हैं। चिड़ियाघर ने इस स्थान को ट्री प्वाइंट का नाम दिया है।
चिड़ियाघर में बनाया जा रहा ट्री प्वाइंट, एक साथ देखेंगे 100 तरह के पौधे, अब तक छह एकड़ में पड़ा था कूड़े का ढेर से अधिक पेड़ लगाने का हो चुका काम, लाकडाउन के दौरान कूड़े के ढेर को खत्म कराने में निगमों ने दिया साथ
पीलखन, अशोक और बोतल पाम होंगे खास
निदेशक ने बताया कि नीम, पीपल, बहेड़ा, कदमंब, रोहिड़ा, शीशम, आम, फिस्टल पाम, बोतल पाम, खिरनी, तोतापरी, गुलमोहर, देवदार, बरगद समेत 100 तरह के पेड़ लगाने का काम किया जा रहा है। इनमें पीलखन, अशोक और अमलतास का पेड़ लोगों को आकर्षित करने का काम करेगा। ट्री प्वाइंट के प्रवेश पर ही इन पेड़ों को लगाया जा रहा है। वहीं, ट्री प्वाइंट को एक पत्थर पर डिजाइन करके बनाया गया है।
दिल्ली के पर्यावरण को देखते हुए चिड़ियाघर में ट्री प्वाइंट बनाया जा रहा है। इसमें चिड़ियाघर भी अपना सहयोग करेगा। वहीं, चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों को लुभाने के लिए एक ही स्थान पर 100 तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं। कुछ छह एकड़ जमीन पर इसको बनाने का काम किया जा रहा है। (रमेश कुमार पांडेय, निदेशक चिड़ियाघर)