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Delhi Air Pollution: प्रदूषण के खिलाफ जंग तेज, धूल के गुबार पर एंटी स्मॉग गन से होगा वार

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से सभी निर्माण एजेंसियों एवं स्थानीय निकायों को दिल्ली में ऐसे हर स्थल पर यह गन लगाने के लिए लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं जहां पर ज्यादा धूल उड़ती हो।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 11:04 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 11:04 AM (IST)
Delhi Air Pollution: प्रदूषण के खिलाफ जंग तेज, धूल के गुबार पर एंटी स्मॉग गन से होगा वार
प्रदूषण के खिलाफ जंग में बड़ा हथियार साबित हो रही एंटी स्मॉग गन की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आने वाली सर्दियों में धूल से दिल्ली वासियों का दम न घुटे, इसके मद्देनजर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं। तमाम 18 हॉट स्पॉट की तो पहले से ही निगरानी की जा रही है, अब एंटी स्मॉग गन का सहारा लेने की तैयारी भी कर ली गई है। डीपीसीसी की ओर से सभी निर्माण एजेंसियों एवं स्थानीय निकायों को ऐसे हर स्थल पर यह गन लगाने के लिए लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं, जहां धूल उड़ती हो।

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गौरतलब है कि दिल्ली के प्रदूषण में 28 फीसद हिस्सेदारी सड़कों एवं निर्माण स्थलों पर उड़ने वाली धूल की होती है। टूटी सड़कें और निर्माण स्थलों पर प्रदूषण की रोकथाम के उपाय करने में लापरवाही प्रदूषण की समस्या को और बढ़ा देती है, इसीलिए डीपीसीसी ने समय रहते इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी और एनएचएआइ सहित सभी स्थानीय निकायों और निर्माण एजेंसियों को धूल रोकने के लिए यथोचित कदम उठाने के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश में उक्त सभी एजेंसियों को कहा गया है कि हर उस स्थान पर जहां निर्माण कार्य चल रहा है, जहां सड़क टूटी है और जहां कहीं अन्य कारणों से धूल का गुबार उठता है, जल्द से जल्द एंटी स्मॉग गन तैनात कर दी जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जब तक यह गन तैनात नहीं होती, समय-समय पर पानी के छिड़काव की पुख्ता व्यवस्था की जाए।

डीपीसीसी ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अगर इस दिशा में लापरवाही बरती जाती है तो भारी जुर्माना लगाए जाने के साथ-साथ संबंधित स्थल पर निर्माण कार्य रोका भी जा सकता है। 91 आरएमसी प्लांट भी राडार पर दिल्ली के विभिन्न इलाकों में चल रहे 91 रेडी मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) प्लांट भी डीपीसीसी के राडार पर हैं। डीपीसीसी की छह टीमें इन प्लांटों का सर्वेक्षण कर रही हैं कि इनसे प्रदूषण तो नहीं फैल रहा। 17 प्लांटों में नियमों का उल्लंघन पाया गया है, जिन पर 5 से 20 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है। कुछ प्लांट काम पूरा हो जाने के कारण स्वत ही बंद कर दिए गए हैं। बाकी बचे प्लांटों पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिन आरएमसी प्लांटों में दोबारा उल्लंघन पाया जाएगा, उन्हें सील करने की चेतावनी भी जारी कर दी गई है। 

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