सिख विरोधी दंगे में कांग्रेस नेता कैलाश जैन समेत आठ लोगों पर आरोप तय
1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में आरोपित उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश चंद जैन व पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश प्रसाद वशिष्ठ समेत आठ लोगों को दोषी ठहराया है।
दिल्ली, जेएनएन। कड़कड़डूमा कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के मामले में आरोपित उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश चंद जैन व पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश प्रसाद वशिष्ठ समेत आठ लोगों को दोषी ठहराया। इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी, 147, 148, 149, 302 समेत 11 धाराओं के तहत आरोप तय हुए हैं।
कड़कड़ड़ूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जगदीश कुमार ने विशेष जांच दल (एसआइटी) की रिपोर्ट पर कैलाश चंद जैन, पूर्व जिला अध्यक्ष जगदीश वशिष्ट, वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, राजपाल सिंह, अशोक सिंह, विजय सिंह व कालीचरन के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं।
मामले की अगली सुनवाई 29 से 31 अगस्त को होगी, उस दिन फैसला सुनाया जाएगा। यह मामला दो नवंबर 1984 को नाथा सिंह, उनकी पत्नी सुरजीत कौर, बेटे कश्मीर सिंह, बेटी विमल कौर, कमलजीत कौर, उर्मिल कौर, निर्मल कौर की हत्या से जुड़ा है। 1991 में वेलकम थाने में कैलाश चंद जैन व पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश प्रसाद वशिष्ठ समेत आठ लोगों के खिलाफ छज्जूपुर निवासी शिकायतकर्ता सरदूल सिंह उर्फ अनिल कुमार ने पिता समेत परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर उनके शव को जलाने, संपत्ति व सुबूतों को मिटाने का आरोप लगाकर एफआइआर दर्ज कराई थी।
मामले की जांच के लिए 12 फरवरी, 2015 को एसआइटी का गठन किया गया, जिसने सभी आरोपितों पर हत्या, दंगा, साक्ष्य मिटाने, आपराधिक साजिश, लूट व अन्य धाराओं में आरोप लगाकर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। आरोपितों के खिलाफ अगली तारीख में गवाही होगी। दरअसल इस मामले में 12 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी जिनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है बाकि आठों पर कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। जिनके खिलाफ अगली सुनवाई में फैसला सुनाया जाएगा।
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