Anti Dust Campaign: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण को लेकर दिया निर्देश, टीम रख रही नजर
Anti Dust Campaign पर्यावरण मंत्री गोपाल राय अपनी टीम के साथ तमाम तरह की योजनाएं बनाकर उस पर काम कर रहे हैं और लगातार नजर बनाए हुए हैं। वायु प्रदूषण के मद्देनजर ही दिल्ली सरकार की ओर से कई प्रमुख जगहों पर स्माक टावर लगाए गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Anti Dust Campaign: जैसे-जैसे ठंड का मौसम नजदीक आ रहा है दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए गंभीर बनी हुई है। इस दिशा में सरकार की ओर से कई तरह से अभियान चलाए जा रहे हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय अपनी टीम के साथ तमाम तरह की योजनाएं बनाकर उस पर काम कर रहे हैं और लगातार नजर बनाए हुए हैं। वायु प्रदूषण के मद्देनजर ही दिल्ली सरकार की ओर से कई प्रमुख जगहों पर स्माक टावर लगाए गए हैं जिससे वायु प्रदूषण पर रोक लग सके और शहर के लोगों को साफ सुथरी हवा मिल सके। पर्यावरण मंत्रालय इसी दिशा में काम कर रहा है।
वायु प्रदूषण पर नजर रखने के लिए ही बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आइपी स्टेट, महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित (WHO Building) निर्माण स्थलों का दौरा किया। यहां उन्होंने वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों को देखा। Anti Dust Campaign के तहत अब तक DPCC की टीमों द्वारा दिल्ली में 522 अलग-अलग निर्माण स्थलों का दौरा किया जा चुका है। टीम को 165 निर्माण स्थलों पर अनियमितता मिली, जिसके लिए विभाग द्वारा नोटिस दिया तथा उन पर जुर्माना लगाया गया। टीम की ओर से 53.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
दिल्ली के किसानों को अब पराली को जलाने की जरूरत नहीं होगी। वह पराली पर बायो डिकंपोजर घोल का छिड़काव कर इसे आसानी से गला सकते हैं। नरेला विधानसभा क्षेत्र के फतेहपुर जाट गांव के खेत में पहुंचकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पराली पर बायो डिकंपोजर घोल का छिड़काव कर सोमवार को प्रदूषण के खिलाफ इस अभियान की शुरुआत कर दी। दावा किया जा रहा है कि इस घोल के छिड़काव के बाद 25 से तीस दिन में पराली पूरी तरह गल जाएगी।
इससे पहले पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में पराली को गलाने के लिए बायो डिकंपोजर का निश्शुल्क छिड़काव शुरू करवाया है। घोल को बासमती और गैर बासमती, दोनों धान की पराली पर छिड़कवाया जा सकता है। उन्होंने किसानों से भी अपील की है कि जब भी खेत में बायो डिकंपोजर का छिड़काव कराएं, उसके तुरंत बाद खेत को जोत दें और उसमें पानी लगा दें। इससे पराली जल्दी गलेगी उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जब पराली जलाई नहीं जाएगी तो वायु प्रदूषण कम होगा।
दरअसल दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण बढ़ जाता है। दिल्ली का प्रदूषण स्तर अब धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो गया है। यहां गाड़ियों के धुएं, धूल, कूड़ा जलने से तो प्रदूषण होता ही है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर माह में सबसे बड़ी समस्या पराली के जलने की होती है। जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलनी शुरू होती है तो उन राज्यों का धुआं दिल्ली के प्रदूषण स्तर को बढ़ाता है।