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वैक्सीन की बर्बादी पर नाराज हाई कोर्ट ने कहा - जिसे भी दे सकते हैं दीजिए वैक्सीन

न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार हर दिन छह फीसद वैक्सीन बर्बाद हो रही है और दस करोड़ में से अब तक 44 लाख वैक्सीन बर्बाद हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु में हुई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 08:53 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:53 PM (IST)
वैक्सीन की बर्बादी पर नाराज हाई कोर्ट ने कहा - जिसे भी दे सकते हैं दीजिए वैक्सीन
हाई कोर्ट ने कहा कि सुनिश्चित करें न हो वैक्सीन की बर्बादी।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। बड़ी संख्या में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जिसे भी वैक्सीन दी जा सकती है दीजिए और सुनिश्चित करिए की इसकी बर्बादी न हो। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार हर दिन छह फीसद वैक्सीन बर्बाद हो रही है और दस करोड़ में से अब तक 44 लाख वैक्सीन बर्बाद हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु में हुई है।

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16 साल से लेकर 60 साल तक जिसे भी जरूरत हो वैक्सीन दीजिए

पीठ ने कहा यह बड़ा आंकड़ा है, उसे दीजिए जिसे इसकी जरूरत है। कृपया करके महामारी से बचाने के लिए लोगों को वैक्सीन लगाईए। फिर चाहे वैक्सीन की जरूरत 16 साल के किशोर को हो या फिर 60 साल के व्यक्ति को। पीठ ने कहा कि महामारी भेदभाव नहीं करते। इस बार युवा लोग ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं और कई युवा अपनी जिंदगी गवां चुके हैं। पीठ ने कहा कि अगर दिन के अंत में कुछ वैक्सीन बची है तो फिर इसे किसी को भी लगाई जानी चाहिए चाहे वह टीकाकरण के लिए निर्धारित आयु सीमा में आता हो या नहीं।

पीठ ने यह टिप्पणी और निर्देश कोरोना महामारी को लेकर दायर एक याचिका पर दिया। जिसका पूर्व में निपटारा कर दिया गया था, लेकिन अदालत ने सोमवार को दोबारा से इस पर सुनवाई करते हुए कई अहम निर्देश दिए थे।

जरूरत के हिसाब से करें दवाईयों का बंटवार

पीठ ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से कहा कि उसे उम्मीद है कि वह जरूरत के हिसाब से दवाईयां का बंटवारा कर रही है। उम्मीद है कि रेमडेसिवर जैसी दवाईयाें को विभिन्न राज्यों को जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराया जा रहा है। पीठ ने कहा कि अगर संसाधनों और दवाईयों के आवंटन में गलत प्रयोग किया गया तो हम बर्बाद होंगे। केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा व मोनिका अरोड़ा ने कहा कि रेमडेसिवर के इस्तेमाल पर चिकित्सकों की राय बंटी है। वहीं, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसिल राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि चिकित्सक रेमडेसिवर लेने की राय दे रहे हैं लेकिन लोगों को बाजार में यह नहीं मिल रही है।


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