प्रतिबंध के बीच दिल्ली में छठ पर्व पर दिखा अलग नजारा, लोगों ने इस तरह मनाया छठ पर्व
दिल्ली में छठ घाटों पर पूजा करने पर प्रतिबंध के कारण इस बार लोगों ने घरों की छत पर टब में भरे पानी के बीच खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया। कुछ जगहों पर घर के पास स्थित खाली जगह में गड्ढा खोदकर अर्घ्य देने की परंपरा का निर्वाह किया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। छठ पूजा के आखिरी दिन शनिवार सुबह श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। दिल्ली में छठ घाटों पर पूजा करने पर प्रतिबंध के कारण इस बार लोगों ने घरों की छत पर टब में भरे पानी के बीच खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं कुछ जगहों पर घर के पास स्थित खाली जगह में गड्ढा खोदकर और उसमें पानी भरकर लोगों ने अर्घ्य देने की परंपरा का निर्वाह किया। इसके साथ ही तीन दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया।
पूजा और अर्घ्य के बाद लोगों ने 36 घंटे का व्रत खत्म कर भोजन किया। इससे पहले बृहस्पतिवार शाम को खरना के बाद निर्जला व्रत शुरू हुआ था। जो शुक्रवार की रात भी जारी रहा। छठ पूजा का निर्जला व्रत 36 घंटे तक रखा जाता है। कोरोना संकट की वजह से इस बार छठ महापर्व पहले से कुछ अलग दिखा। पहले जहां लोग बड़ी संख्या यमुना किनारे बने छठ घाटों और तालाबों पर जाकर पूजा करते थे तो वहीं इस बार उन्हें दिल्ली में कोरोना संकट की वजह से प्रतिबंध के बीच घर पर ही पूजा करनी पड़ी।
वहीं कुछ लोग प्रतिबंध की वजह से दिल्ली के आस-पास के इलाकों गाजियाबाद, गुरूग्राम और नोएडा में अपने रिश्तेदारों के यहां पूजा करने पहुंचे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने छठ महापर्व पर मंगलवार को ही छुट्टी का एलान कर दिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण लोगों से घर पर ही त्योहार मनाने की अपील की थी।
इसके साथ ही बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कोविड-19 के मद्देनजर तालाबों और नदी के किनारे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जिंदा रहेंगे तो कभी भी पर्व मना लेंगे। फिलहाल, हम इसकी मंजूरी नहीं दे सकते।
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