Bharat Bandh: भारत बंद से बनाए रखी दूरी, खुले रहे दिल्ली-एनसीआर के सभी छोटे-बड़े बाजार
Bharat Bandh चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली के बाजारों में बंद का असर नहीं रहा। यहां आम दिनों की तरह कारोबार हुआ है। व्यापारी आंदोलनकारियों के साथ सहानुभूति रखते हैं लेकिन बंद से उनकी समस्याओं का हल नहीं निकलने वाला है।
नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। राष्ट्रीय राजधानी के बाजारों ने कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों को आईना दिखाया है। उनकी ओर से शुक्रवार को बुलाए गए ‘भारत बंद’ से बाजारों ने दूरी बनाए रखी। दिल्ली के छोटे से लेकर बड़े बाजार आम दिनों की तरह खुले रहे। चांदनी चौक, खारी बावली, कश्मीरी गेट, सदर बाजार, कनाट प्लेस व करोलबाग समेत अन्य बाजारों में होली की तैयारियों को लेकर खूब चहल-पहल रही। वैसे, दिल्ली के कारोबारी संगठनों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे इस बंद में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने दो टूक कहा था कि बंद किसी समस्या का हल नहीं हो सकता है, बल्कि इसकी जगह सरकार और कृषि संगठनों को बातचीत के जरिये विवादों का हल निकालना चाहिए।
चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि दिल्ली के बाजारों में बंद का असर नहीं रहा। यहां आम दिनों की तरह कारोबार हुआ है। व्यापारी आंदोलनकारियों के साथ सहानुभूति रखते हैं, लेकिन एक दिन के बंद से उनकी समस्याओं का हल नहीं निकलने वाला है। सरकार से आग्रह है कि वह किसान संगठनों से बातचीत कर इस विवाद का हल निकाले, क्योंकि इस आंदोलन के कारण दिल्ली के बाजार और उद्योग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में फैक्टियां और गोदाम एनसीआर के शहरों में स्थित है, जहां आना-जाना प्रभावित है। इसी तरह दूसरे राज्यों से खरीदार भी इस आंदोलन के कारण दिल्ली नहीं आ पा रहे हैं।
फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कोरोना से प्रभावित व्यापारियों को होली पर बिक्री से काफी उम्मीद है। ऐसे में हम ‘भारत बंद’ में साथ नहीं दे सकते हैं। इसलिए शुक्रवार को बाजारों में आम दिनों की तरह दुकानें खुली रहीं और कारोबार हुआ। सदर बाजार में काम करने वाले बालकृष्ण अमरसरिया ने कहा कि कुछ खरीदार कम थे।