दिल्ली में जहरीली हुई हवा, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत; बन सकते हैं इमरजेंसी जैसे हालात
दिल्ली-एनसीआर में आलम यह है कि स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी कम हो गई है जिससे बुधवार दोपहर में सड़कों पर वाहन चालक लाइट जलाकर चलते नजर आए। ज्यादातर इलाकों में AQI 300 के पार चल रहा है।
नई दिल्ली [ध्रुव कुमार]। पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ अन्य आसपास के राज्यों में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के कारण राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली के साथ गाजियाबाद और नोएडा में आलम यह है कि स्मॉग के चलते विजिबिलिटी भी कम हो गई है, जिससे बुधवार दोपहर में सड़कों पर वाहन चालक लाइट जलाकर चलते नजर आए। वायु गुणवत्ता स्तर में सुधार होने के बजाय यह बिगड़ गया है। दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स बहुत ही खराब है। ज्यादातर जगहों 300 से प्रदूषण का स्तर ऊपर चल रहा है।
आंखों में जलन की शिकायत
दिल्ली-एनसीआर के आसमान में वायु प्रदूषण के कारण काला और घना धुंआ नजर आ रहा है। ज्यादातर लोगों ने आंखोें में जलन के साथ सांस लेने में दिक्कत भी बात कही है। वहीं, चिकित्सकों की मानें तो हालात लगातार गंभीर हो रहे हैं। ऐसे में बुजुर्गों और बच्चों का घर से बाहर निकलना खतरनाक है। इसी के साथ दमा के मरीजों को खास सतर्कता बरतना जरूरी है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में सभी जगहों की हवा फिर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई, जो बुधवार को भी बरकरार है। सफर इंडिया का पूर्वानुमान है कि अगले एक-दो दिनों तक प्रदूषण का स्तर इसी श्रेणी में रहने की संभावना है। वहीं, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन सफर इंडिया के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 10 फीसद रही।
दिल्ली-एनसीआर में' जहरीली' हवा के कारण सांस लेने में हो रही परेशानी दिल्ली-एनसीआर में वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने के साथ राजधानी में वायु की गुणवत्ता बिगड़ गई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) के वायु प्रदूषण सूचकांक डेटा के अनुसार, दिल्ली के आनंद विहार, रोहिणी, द्वारका में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
उधर, बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पटाखा विरोधी अभियान की शुरुआत की। उन्होंने दिल्ली के लोगों से अपील भी की है कि वे ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करें और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों को न जलाएं। अभियान के तहत सभी एसडीएम, पुलिस अधिकारियों और डीपीसीसी की 11 टीमों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे नहीं चलाए जाएं।
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