Air Pollution: हवा की रफ्तार कम होते ही बढ़ा प्रदूषण का स्तर, आज भी नहीं मिली राहत
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली में बीते दो दिनों से हवा की रफ्तार में कमी आई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। रविवार सुबह भी प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिली। जानकारी के मुताबिक, प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ सकता है। दिल्ली के लगभग सभी इलाके में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बरकरार है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण मॉनीटरिंग स्टेशन में दिल्ली का एयर इंडेक्स शनिवार को 33 अंक गिरकर 371 दर्ज हुआ, जो बहुत खराब श्रेणी है। वहीं शुक्रवार को एयर इंडेक्स 404 दर्ज हुआ था। इसके साथ ही गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा व ग्रेटर नोएडा में भी एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली में बीते दो दिनों से हवा की रफ्तार में कमी आई है।
इससे पहले 15 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही थी। अब कई जगहों पर बिल्कुल भी हवा नहीं चल रही है। इसकी वजह से प्रदूषक तत्व एक ही जगह पर ठहर रहे हैं। इन्हीं वजहों से प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है।
कितना दर्ज हुआ तापमान
वहीं दिल्ली में ठिठुरन बढ़ रही है। इस वजह से शनिवार को दिन में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा के साथ 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। न्यूनतम तापमान सामान्य के साथ 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ
आप प्रदूषण पर राजनीति करती रही तो यहां रहना मुश्किल हो जाएगा: गोयल
राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार के खिलाफ राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से कनॉट प्लेस में मशाल जुलूस निकाला। गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराती रही है। सरकार का कहना था कि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। अब पराली भी नहीं जल रही है, फिर भी राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। सरकार को इसका कारण बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के मूल कारणों को दूर करने पर दिल्ली सरकार ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए यहां की हवा जहरीली होती जा रही है। समस्या हल करने के लिए केंद्रीय समिति बननी चाहिए। इस समिति में पर्यावरण मंत्रलय, शहरी विकास मंत्रलय, दिल्ली सरकार और नगर निगमों के प्रतिनिधि के साथ ही अन्य संस्थाओं को शामिल किया जाना चाहिए। प्रदूषण को जन आंदोलन बनाना पड़ेगा। अगर केजरीवाल सरकार प्रदूषण पर राजनीति करती रही तो दिल्ली में रहना मुश्किल हो जाएगा। आज भी दिल्ली में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। सरकार खुद ही पानी के नमूने लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है।