कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वायु प्रदूषण और भी चिंता की वजह, समय रहते उठाने होंगे कदम
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वायु प्रदूषण और भी चिंता की वजह बन गया है। पिछले साल भी सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली को कोरोना संक्रमण का गंभीर दौर झेलना पड़ा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पराली के प्रबंधन को लेकर वायु गुणवत्ता आयोग का अभी से सक्रिय होना सर्वथा उचित है। आयोग ने 31 जुलाई तक दिल्ली के साथ ही हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व राजस्थान की सरकारों से पराली के प्रबंधन संबंधी एक्शन प्लान मांगा है। आयोग ने इन राज्य सरकारों को पराली के प्रबंधन को लेकर चार विकल्प भी सुझाए हैं और कहा है कि राज्य यह तय कर बताएं कि इनमें से किस विकल्प पर काम करेंगे।
पराली जलाने पर इन राज्यों में अभी तक रोक नहीं
पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में पराली जलाए जाने पर रोक लगाना कई साल की कोशिशों के बावजूद अब तक संभव नहीं हो सका है। यह निराशाजनक है कि इन राज्यों में सख्त नियमों और किसानों को प्रोत्साहन देने के बावजूद पराली जलाने पर रोक नहीं लग सकी है। इन राज्यों में पराली जलाने से पैदा होने वाला धुआं दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुंचकर सर्दी के दिनों में यहां के लोगों का दम घोंटता है।
कोरोना के मद्देनजर वायु प्रदूषण और भी चिंता की वजह
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वायु प्रदूषण और भी चिंता की वजह बन गया है। पिछले साल भी सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली को कोरोना संक्रमण का गंभीर दौर झेलना पड़ा था। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को जब आक्सीजन की आवश्यकता होती है, तब उसके लिए वायु प्रदूषण किसी जहर से कम नहीं है। ऐसे में वायु गुणवत्ता आयोग के साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान की सरकारों को भी सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण गहराने से रोकने के हरसंभव उपाय करने चाहिए। इसके लिए अभी से सभी को जुट जाना चाहिए, ताकि इस बार सर्दी में दिल्ली को गैस चैंबर बनने से रोका जा सके और वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव कोरोना मरीजों के लिए जानलेवा साबित न होने पाए।