Air Pollution: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलकर केजरीवाल करेंगे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से रोकने की मांग
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलकर यह अनुरोध करेंगे कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने से रोकने के लिए आइएआरआइ (इंडियन एग्रिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा विकसित कम लागत की टेक्नोलॉजी मुहैया कराई जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल में रखने के की कवायद जारी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलकर यह अनुरोध करेंगे कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने से रोकने के लिए आइएआरआइ (इंडियन एग्रिकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा विकसित कम लागत की टेक्नोलॉजी मुहैया कराई जाए। इससे किसान अपनी पराली को जालने से बचेंगे और उन्हें इसी बेकार हो जाने वाली पराली से लाभ होगा। बता दें कि आइएआरआइ ने एक ऐसी कम लागत की टेक्नॉलाजी विकसित की है जिससे किसान इस पराली को बिना जलाए उससे खाद बना सकेंगे जिससे वह अपनी उपज बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
पराली जलाने की वजह से हर वर्ष प्रदूषण होता है, इससे किसान भी परेशान हैं।
IARI के वैज्ञानिकों द्वारा एक तकनीक तैयार की गई है - बायो डिकंपोज़र। आज इसका निरीक्षण किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी, पराली से खाद बनेगी और उनकी उपज भी बढ़ेगी। pic.twitter.com/N7s2UQyRaU— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 24, 2020
बता दें कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में अक्सर यह खबर हमें मिलती है कि यहां के किसान पराली जलाते हैं जिससे दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब हो जाती है। इसी से बचने के लिए सरकार पहले से ही प्रयासरत है। पहले के सालों में भी किसानों को पराली से जलाने से रोकने के लिए सरकार ने कई लोकलुभावन वायदे किए थे हालांकि इसका कोई असर नहीं हुआ। पराली जलाने के मामले कोर्ट कचहरी होते हुए राजनीति के गलियारों में खो जाते हैं और फिर एक वक्त दिल्ली-एनसीआर की हवा दमघोंटू बन जाती है। इससे करोड़ों लोगों को परेशानी होती है।
क्या है आइएआर की कम लागत वाली टेक्नोलॉजी
IARI के वैज्ञानिकों द्वारा एक तकनीक तैयार की गई है इसे बायो डिकंपोज़र कहते हैं। इस तकनीक से किसान जो पराली अब तक जलाते आ रहे हैं उसे अब जलाने से रुकेंगे। अब पराली को वह बायो डिकंपोजर की मदद से खाद बना सकेंगे जिससे वह अपनी खेत में इस्तेमाल कर उपज बढ़ा सकेंगे।
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