दिल्ली-NCR में AIIMS कैंसर मरीजों के लिए खोल रहा सेंटर, मरीजों को होगा फायदा
केंद्र सरकार ने सुविधाओं और शोध के मामले में इसे उत्कृष्ट बनाने के लिए अमेरिका के एनसीआइ से एम्स का समझौता कराया है। एम्स के एनसीआइ में 710 बेड की सुविधा होगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। कैंसर के मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एम्स द्वारा हरियाणा के झज्जर में बनाए गए राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) में मंगलवार से ओपीडी सेवा ट्रायल के रूप में शुरू हो जाएगी। इसलिए कैंसर के मरीज एनसीआइ में एम्स के डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे। इसके अलावा नए साल में 19 जनवरी से इसमें आइपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवा शुरू कर दी जाएगी।
एनसीआइ आने वाले दिनों में कैंसर के इलाज के लिए उत्तर भारत का बड़ा सेंटर बनकर उभरेगा। मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर के अलावा उत्तर भारत के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए एम्स का कैंसर सेंटर ही सबसे बड़ी उम्मीद है।
इस सेंटर में 200 बेड की सुविधा है। भीड़ अधिक होने के कारण एम्स के सेंटर में कैंसर सर्जरी की वेटिंग तीन माह से लेकर छह महीने तक की है। मरीजों को सबसे ज्यादा मुश्किल रेडियोथेरेपी में आती है, क्योंकि रेडियोथेरेपी के लिए मरीजों को डेढ़ साल बाद की तारीखें दी जाती हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने एम्स के झज्जर परिसर में 2035 करोड़ की लागत से एनसीआइ का निर्माण शुरू कराया।
केंद्र सरकार ने सुविधाओं और शोध के मामले में इसे उत्कृष्ट बनाने के लिए अमेरिका के एनसीआइ से एम्स का समझौता कराया है। एम्स के एनसीआइ में 710 बेड की सुविधा होगी। इसमें कैंसर के इलाज की नवीनतम तकनीक मौजूद होगी। आगे एनसीआइ में कैंसर की सर्जरी, कीमो व रेडियोथेरेपी की सुविधा भी शुरू हो जाएगी। फिलहाल ट्रायल के तौर पर मंगलवार से ओपीडी सेवा शुरू की जा रही है।