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दिल्ली में ओवैसी की पार्टी के नेता ने पैरों से कुचला फ्रांस के राष्ट्रपति का पोस्टर, गिरफ्तार

मिर्जा शाहगिल ने फ्रांस का विरोध करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के फोटो छपे पोस्टर को पैरों से कुचल दिया। नेता की यह वीडियाे वाट्सएप और फेसबुक पर आग की तरह फैल गई। पुलिस ने रविवार रात को मिर्जा और उसके साथी अबरार को गिरफ्तार कर लिया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 07:01 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 07:01 AM (IST)
दिल्ली में ओवैसी की पार्टी के नेता ने पैरों से कुचला फ्रांस के राष्ट्रपति का पोस्टर, गिरफ्तार
एआइएमआइएम के नेता मिर्जा शाहगिल की फाइल फोटोः जागरण

 नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। फ्रांस में एक पत्रिका में पैगंबर मुहम्मद साहब के कार्टून छपने के बाद वहां बवाल मचा हुआ है। उस बवाल की चिंगारी राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। उत्तरी पूर्वी दिल्ली स्थित जाफराबाद में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के नेता मिर्जा शाहगिल ने फ्रांस का विरोध करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के फोटो छपे पोस्टर को पैरों से कुचल दिया। नेता की यह वीडियाे वाट्सएप और फेसबुक पर आग की तरह फैल गई। आनन-फानन में जाफराबाद थाना पुलिस ने रविवार रात को मिर्जा और उसके साथी अबरार को गिरफ्तार किया।

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इनके ऊपर देशद्रोह, धार्मिक उन्माद फैलाने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गिरफ्तारी के अगले दिन दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें एक दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो फ्रांस में चल रहे विवाद के विरोध में दिल्ली में यह पहली गिरफ्तारी है।

वहीं इस गिरफ्तारी को स्थानीय लोगों व नेताओं ने अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने वाला करार दिया है। मिर्जा ने 2017 में चौहान बांगर वार्ड से एआइएमआइएम से पार्षद का चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गया था। गत रविवार को दिन में मिर्जा और उसके साथी ने एक धार्मिक स्थल की सीढ़ियों पर फ्रांस के राष्ट्रपति के पोस्टर रखकर उन्हें पैरों से कुचला था, साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की थी कि फ्रांस के उत्पादों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें। किसी ने यह वीडियो बनाकर फेसबुक व वाट्सएप पर वायरल कर दी। जैसे ही वीडियो पुलिस के पास पहुंची पुलिस तुरंत हरकत में आई और दोनों को उसी रात गिरफ्तार किया।

सीएए के नाम पर हुए थे दंगे, गई थी 53 लोगों की जान

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नाम पर गत फरवरी में उत्तरी पूर्वी जिले के कई इलाकों में दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोगों की जान गई थी। सैंकडों घरों व दुकानों को आग लगाई गई थी। उस दंगे से यहां के लोग अभी तक उभर नहीं सके हैं। सूत्रों की मानें तो दोबारा से इलाके का माहौल न बिगड़ सके, इसलिए पुलिस ने वक्त पर कार्रवाई की। पुलिस को अंदेशा है इस तरह के प्रदर्शनों की आड़ लेकर शरारती तत्व माहौल को खराब कर सकते हैं। यह भी माना जा रहा है जो चुक गत फरवरी में पुलिस ने की थी, वह अब आगे नहीं दोहराना चाहती।

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