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कोरोना वायरस के सवालों का जवाब तलाशने में जुटा AIIMS, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संभाली कमान

AIIMS director Randeep Guleria News टीकाकरण के बावजूद कई लोग गंभीर रूप से भी बीमार पड़े हैं। एम्स में डॉक्टरों सहित करीब 15 हजार कर्मचारी हैं जिनमें से काफी संक्रमित हुए हैं। एम्स ने इस अध्ययन में संक्रमित हुए कर्मचारियों से हिस्सा लेने के लिए कहा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 07:33 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 07:33 AM (IST)
कोरोना वायरस के सवालों का जवाब तलाशने में जुटा AIIMS, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संभाली कमान
कोरोना वायरस के सवालों का जवाब तलाशने में जुटा AIIMS, डॉ. रणदीप गुलेरिया ने संभाली कमान

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में कितने लोग दोबारा संक्रमित हुए, इनमें से कितने को गंभीर बीमारी हुई? टीकाकरण के बावजूद कितने लोगों को कोरोना हुआ? इनमें से कितने गंभीर रूप से बीमार हुए? पहली लहर में कोरोना का दर्द झेल के बाद टीका लगवाने के बावजूद कितने लोग इस बार दोबारा संक्रमित हुए? ऐसे तमाम सवाल हैं, जो अभी अनसुलझे हैं। इन सवालों के जवाब खोजने के लिए एम्स ने संस्थान के कर्मचारियों व मेडिकल के छात्रों पर एक अध्ययन शुरू किया गया है, जिनके माध्यम से उन तमाम सवालों के जवाब तलाश किए जाएंगे। एम्स को उम्मीद है कि इसका परिणाम कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबला करने में मददगार होगी। टीकाकरण की रणनीति तय करने में भी मदद मिलेगी। इस बात दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria, Director of All India Institute of Medical Sciences) के नेतृत्व में यह अध्ययन शुरू किया गया है।

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वहीं, अभी तक यह कहा जाता रहा है कि पहले संक्रमित हो चुके बहुत कम लोगों में कोरोना का दोबारा संक्रमण हुआ है, लेकिन कितने फीसद लोगों में दोबारा संक्रमण हुआ है अभी तक यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इस बीच हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि एक बार कोरोना से ठीक हो चुके कई लोग टीका लगवाने के बावजूद दोबारा संक्रमित हो गए। टीकाकरण के बावजूद कई लोग गंभीर रूप से भी बीमार पड़े हैं। एम्स में डॉक्टरों सहित करीब 15 हजार कर्मचारी हैं, जिनमें से काफी संक्रमित हुए हैं। एम्स ने इस अध्ययन में संक्रमित हुए कर्मचारियों से हिस्सा लेने के लिए कहा है।

इन सवालों के जवाब ढूंढ़ने की तैयारी

  • एम्स के अनुसार इस अध्ययन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि टीकाकरण के बावजूद अनेक स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण से पीड़ित हुए, इसलिए यह पता लगाना जरूरी है कि दोबारा संक्रमण की दर क्या रही?
  • इस अध्ययन के माध्यम से दोबारा संक्रमित हुए कर्मचारियों व पहली बार संक्रमित हुए कर्मचारियों के बीच तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि दोबारा संक्रमित हुए कितने कर्मचारियों में हल्का संक्रमण और कितने में गंभीर संक्रमण हुआ।
  • इसी तरह टीकाकरण के बावजूद बीमार हुए कर्मचारियों व जिन्होंने टीका नहीं लिया उनके बीच बीमारी की गंभीरता का अंतर पता किया जाएगा।

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