दिल्ली में एम्स ट्रामा सेंटर व राष्ट्रीय कैंसर संस्थान फिर बने फिर कोविड अस्पताल, हादसा पीड़ितों का मुख्य अस्पताल में होगा इलाज
ट्रामा सेंटर में कोरोना के बेहद गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था। लेकिन हादसा पीड़ितों का इलाज प्रभावित होने के कारण 20 माह बाद गत 25 नवंबर को ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए इमरजेंसी सेवा शुरू कर दी गई थी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद हादसा पीड़ितों के इलाज की सुविधाएं एम्स के मुख्य अस्पताल से हटाकर पूरी तरह ट्रामा सेंटर में स्थानांतरित किए अभी डेढ़ माह भी पूरा नहीं हुआ कि कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी पड़ने लगी। एम्स प्रशासन ने मंगलवार को आदेश जारी कर ट्रामा सेंटर व हरियाणा के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) को दोबारा कोविड अस्पताल घोषित कर दिया है।
अब इन दोनों सेंटर में कोरोना का इलाज होगा। ट्रामा सेंटर से हादसा पीड़ितों की इमरजेंसी सेवा एम्स के मुख्य अस्पताल में स्थित ओल्ड ओपीडी ब्लाक में स्थानांतरित की जाएगी। एम्स प्रशासन ने पांच जनवरी से ही इस पर अमल का निर्देश दिया है।
इसलिए हादसा पीड़ितों का इलाज अब ट्रामा सेंटर की जगह एम्स के मुख्य अस्पताल व न्यूरो सेंटर में होगा। लिहाजा, ट्रामा इमरजेंसी एम्स के मुख्य अस्पताल के पुराने ओपीडी ब्लाक में स्थानांतरित की जाएगी। हादसे में सिर की गंभीर चोट से पीड़ित मरीज न्यूरो सेंटर के वार्ड में भर्ती किए जाएंगे। उल्लेखनीय है मार्च 2020 में कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर ट्रामा सेंटर व एनसीआइ को कोविड अस्पताल बनाया गया था।
ट्रामा सेंटर में कोरोना के बेहद गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा था। पहली व दूसरी लहर में ट्रामा सेंटर में कोरोना के करीब 7500 गंभीर मरीजों का इलाज हुआ। लेकिन हादसा पीड़ितों का इलाज प्रभावित होने के कारण 20 माह बाद गत 25 नवंबर को ट्रामा सेंटर में हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए इमरजेंसी सेवा शुरू कर दी गई थी। यह सुविधा शुरू करने से पहले ट्रामा सेंटर में कुछ नवीनीकरण का काम भी कराया गया, ताकि हादसा पीड़ितों को बेहतर इलाज मिल सके। ट्रामा सेंटर में करीब 265 बेड की व्यवस्था है। अब इसका इस्तेमाल कोरोना के इलाज के लिए होगा।
डाक्टरों की छुट्टियां रद, चलती रहेगी ओपीडी
एम्स में 23 दिसंबर से डाक्टरों की सर्दी की छुट्टियां चल रही थी। इस वजह से एम्स के करीब 50 फीसद फैकल्टी स्तर के डाक्टर अवकाश पर थे। यह छुट्टियां 10 जनवरी तक थी। एम्स प्रशासन ने इस अब रद कर दिया है और सभी डाक्टर तत्काल वापस ड्यूटी पर बुला लिए गए हैं। एम्स के अनुसार ओपीडी फिलहाल चलती रहेगी लेकिन अभी सीमित संख्या में मरीज देखे जाएंगे। कोरोना के मद्देनजर दूसरी बीमारियों के मरीज कम संख्या में भर्ती किए जाएंगे।