Delhi AIIMS में ओपीडी के मरीजों को सात दिसंबर तक नहीं किया जाएगा भर्ती, ये है बड़ी वजह
एम्स की ओपीडी में अप्वाइंटमेंट के जरिये मरीज देखे जा रहे हैं। लेकिन जरूरतमंद मरीज ओपीडी के माध्यम से अभी भर्ती नहीं लिए जा रहे हैं। सिर्फ इमरजेंसी के माध्यम से ही मरीज भर्ती लिए जा रहे हैं। डॉक्टरों को गंभीर मरीजों को प्रमुखता देनी पड़ रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एम्स में कोरोना के मरीजों के साथ-साथ इमरजेंसी में अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का दबाव ज्यादा है। इस वजह से ओपीडी के मरीजों को अस्पताल में भर्ती लेने पर लगी रोक को अगले सात दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पिछले करीब तीन माह से एम्स में ओपीडी के मरीजों को भर्ती लेने पर रोक लगी है। अभी कोरोना संक्रमित और इमरजेंसी में पहुंचे अन्य बीमारियों के गंभीर मरीज ही भर्ती लिए जा रहे हैं।
दिसंबर के पहले सप्ताह तक यही व्यवस्था जारी रहेगी। एम्स प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और नियमित समीक्षा की जाती है। कोरोना के मरीजों का दबाव कम होने पर ओपीडी के माध्यम से मरीजों को भर्ती लेने का काम शुरू होगा।
एम्स प्रशासन के अनुसार, ट्रॉमा सेंटर व संस्थान के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआइ) को मिलकार कोरोना के करीब 600 मरीज भर्ती हैं। उन मरीजों के इलाज और देखभाल के लिए काफी संख्या में डॉक्टर, नर्स, लैब तकनीशियन व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगानी पड़ी है। वहीं दूसरी ओर एम्स की इमरजेंसी में भी गंभीर मरीजों का दबाव बना हुआ है। इसलिए ओपीडी के माध्यम से मरीजों को 23 नवंबर तक भर्ती लेने पर लगी रोक को बढ़ा दिया गया है।
बता दें कि एम्स की ओपीडी में अप्वाइंटमेंट के जरिये मरीज देखे जा रहे हैं। लेकिन जरूरतमंद मरीज ओपीडी के माध्यम से अभी भर्ती नहीं लिए जा रहे हैं। सिर्फ इमरजेंसी के माध्यम से ही मरीज भर्ती लिए जा रहे हैं। डॉक्टरों को कोरोना संक्रमित व गंभीर मरीजों को प्रमुखता देनी पड़ रही है।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैंं। इस बीच मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। कोरोना मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसलिए एम्स ने ये फैसला किया है।
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