जग्गा-बलिया की दुर्लभ सर्जरी, दो साल के प्रयास के बाद डॉक्टरों को मिली बड़ी सफलता
सिर से जुड़े ये दोनों भाई 14 जुलाई 2017 को एम्स में भर्ती कराए गए और 25 अक्टूबर सर्जरी कर उन्हें एक दूसरे से अलग किया गया। अब वे करीब चार साल दो माह के हो चुके हैं।
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। ओडिशा के जग्गा और बलिया के परिजनों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। डॉक्टरों के करीब दो साल के प्रयास के बाद यह दोनों मासूम अब स्वस्थ हैं और जल्द ही घर पहुंच सकते हैं। उम्मीद है कि 22 जून को एम्स से छुट्टी मिल जाएगी। उन्हें कुछ दिन भुवनेश्वर एम्स में भर्ती रखा जा सकता है, जहां फिजियोथेरेपी कराई जाएगी।
सिर से जुड़े ये दोनों भाई 14 जुलाई 2017 को एम्स में भर्ती कराए गए और 25 अक्टूबर सर्जरी कर उन्हें एक दूसरे से अलग किया गया। अब वे करीब चार साल दो माह के हो चुके हैं। बेहद जटिल और दुर्लभ सर्जरी से गुजरने के बाद जग्गा चलने लगा है। वह बातें भी करता है।
वहीं बलिया भी काफी हद तक ठीक है, हालांकि वह अभी बेड पर ही रहता है। एम्स प्रशासन कई माह से दोनों भाइयों को ओडिशा स्थानांतरित करने के लिए कह रहा था। वहां के डॉक्टरों की टीम ने कई बार एम्स का दौरा भी किया पर वे उन्हें वापस ले जाने को तैयार नहीं हो रहे थे।
अप्रैल में ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव ने एम्स का दौरा किया, जिसके बाद उन्हें ओडिशा स्थानांतरित करने की सहमति दे दी। उन्हें विमान से ओडिशा ले जाते वक्त एम्स के न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक गुप्ता सहित तीन डॉक्टर मौजूद रहेंगे।
दुर्लभ मामलों में शुमार
यह देश में सिर से जुड़े बच्चों को सर्जरी कर अलग करने का पहला मामला है। दूसरे देशों में भी इस तरह की सर्जरी बहुत कम हुई है। इसलिए इस सर्जरी को एम्स की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जाता है। एम्स के अनुसार अगले पांच साल दोनों की कोई सर्जरी नहीं होनी है। इसलिए अस्पताल से छुट्टी देने में कोई दिक्कत नहीं है। ओडिशा में जाकर उन्हें नियमित फिजियोथेरपी करनी होगी और नर्सिग केयर की जरूरत पड़ेगी, जो वहां के अस्पतालों में संभव है।
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