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एम्स कैंसर सेंटर में मरीजों को भर्ती लेने पर रोक, एनसीआइ बना कोरोना अस्पताल

एम्स के दिल्ली परिसर में स्थित कैंसर सेंटर में भी ओपीडी व डे-केयर सेवा 50 फीसद कम कर दी गई है। इस वजह से पहले की तुलना में ओपीडी व डे-केयर में 50 फीसद कम मरीजों का इलाज होगा। इलाज सिर्फ आनलाइन अप्वाइंटमेंट के माध्यम से इलाज होगा।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 04:58 PM (IST)
एम्स कैंसर सेंटर में मरीजों को भर्ती लेने पर रोक, एनसीआइ बना कोरोना अस्पताल
बगैर अप्वाइंटमेंट के पहुंचने वाले मरीज कैंसर सेंटर में नहीं देखे जाएंगे।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स ने हरियाणा के झज्जर स्थित एनसीआइ (राष्ट्रीय कैंसर संस्थान) के आधे हिस्से को दोबारा कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत किया है। इस वजह से एनसीआइ में कैंसर के मरीजों की सुविधाएं एक बार फिर प्रभावित हो गई है। वहीं, एम्स के दिल्ली परिसर में स्थित कैंसर सेंटर में भी ओपीडी व डे-केयर सेवा 50 फीसद कम कर दी गई है। इस वजह से पहले की तुलना में ओपीडी व डे-केयर में 50 फीसद कम मरीजों का इलाज होगा। इलाज सिर्फ आनलाइन अप्वाइंटमेंट के माध्यम से इलाज होगा। बगैर अप्वाइंटमेंट के पहुंचने वाले मरीज कैंसर सेंटर में नहीं देखे जाएंगे। इस वजह से कैंसर के मरीजों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली है।

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कैंसर सेंटर में ओपीडी सेवाएं भी 50 फीसद की गई कम

एम्स के कैंसर सेंटर के प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी आदेश में डाक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए अधिक से अधिक टेलीमेडिसिन सुविधा का इस्तेमाल करें। इसलिए ज्यादातर पुराने मरीजों का इलाज टेलीमेडिसिन के माध्यम से होगा। डे-केयर में भी इलाज के लिए मरीजों को पहले अप्वाइंटमेंट लेना होगा। आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती कैंसर के मरीजों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा है। इसलिए अभी रूटीन में मरीजों को भर्ती नहीं लिया जाए। इस वजह से अभी बहुत कम संख्या में बेहद जरूरतमंद मरीज ही कैंसर सेंटर में भर्ती होंगे। इसका एक कारण यह है कि कैंसर के डाक्टरों की ड्यूटी भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए एनसीआइ व ट्रामा सेंटर में लगाई जाएगी।

सिर्फ आनलाइन अप्वाइंटमेंट से देखे जाएंगे मरीज

उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना का संक्रमण शुरू होने पर एनसीआइ को कोरोना का अस्पताल बनाया गया था, जहां 15 हजार बेड की व्यवस्था की गई थी। तब एनसीआइ में कोरोना के आठ हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज हुआ। जनवरी व फरवरी में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद उसमें कोरोना के इलाज की सुविधा बंद कर कैंसर का इलाज शुरू कर दिया गया था। अब एम्स प्रशासन ने कैंसर सेंटर के आधे हिस्से में कोरोना का इलाज शुरू करने की व्यवस्था की है। आधे हिस्से में अभी कैंसर के कुछ मरीजों का इलाज भी होगा।


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