Delhi: सेल्फी प्वाइंट बनी अग्रसेन की बावली, फिल्म 'पीके' की शूटिंग के बाद पर्यटकों के लिए बनी खास
भूमितल पर उत्तर-दक्षिण की ओर 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी अनगढ़े और गढ़े हुए पत्थरों से निर्मित ये बावली दिल्ली की बेहतरीन बावलियों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस बावली को राजा अग्रसेन ने बनवाया था।
नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। पांच साल पहले फिल्म पीके के मुख्य किरदार एलियन (आमिर खान) के निवास के रूप में देश-विदेश में चर्चा में आई अग्रसेन की बावली पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गई है। यहां दिनभर पर्यटकों की भीड़ रहती है। इनमें स्कूल व काॅलेजों के छात्र छात्राओं से लेकर अधिक उम्र के लोग भी शामिल होते हैं। कोई बावली की अन्तिम सीढ़ी पर जाकर सेल्फी लेता है तो कोई कुएं के ऊपर बने चबूतरे से फ़ोटो खिंचवाता है।
पीके फिल्म रिलीज होने के बाद जनवरी 2015 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने लगभग सौ साल बाद इस बावली में बड़े स्तर पर संरक्षण कार्य कराया था। इसमें मुख्य काम सूख चुके इस बावली का जल स्रोत ढूंढने का था। लेकिन कुछ माह तक चलने के बाद यह काम आगे नहीं बढ़ पाया था। क्योंकि बावली के 140 मीटर गहरे बड़े कुएं से मिट्टी निकालने के लिए संसाधन जुटाने पर काफी राशि खर्च होनी है। उस समय 17 सीढ़ियों तक खोदाई कर गाद निकाली गई थी।
क्यों खास है अग्रसेन की बावली
भूमितल पर उत्तर-दक्षिण की ओर 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी अनगढ़े और गढ़े हुए पत्थरों से निर्मित ये बावली दिल्ली की बेहतरीन बावलियों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस बावली को राजा अग्रसेन ने बनवाया था। कस्तूरबा गांधी रोड और सिकंदरा रोड को काटती हुई पुराने हेली रोड पर यह बावली स्थित है।
फिल्म पीके में दर्शाए गए हैं यहां के दृश्य
आमिर खान की फिल्म पीके के आने के बाद से इस बावली में पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है। देश व विदेश के पर्यटक तो यहां पहुंचते ही हैं दिन भर यहां स्कूल व काॅलेज के छात्र-छात्राओं की भीड़ बनी रहती है। इन लोगों की संख्या भी पहले से बढ़ी है। लोग बावली में नीचे की ओर अंतिम छोर पर बावली के कुएं के पास चबूतरे पर खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं और सेल्फी लेते हैं। जो लापरवाही होने पर खतरनाक हो सकता है। गिरने से दुर्घटना हो सकती है।
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