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जामताड़ा गिरोह के लिए पंजाब में ठगी करने वाला एजेंट गिरफ्तार

आरोपितों ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह का मुखिया झारखंड के जामताड़ा से गिरोह चलाता है। वहीं गिरोह के अन्य लोग कमीशन पर पंजाब राजस्थान बंगाल गुजरात और बिहार में काम करते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:50 PM (IST)
जामताड़ा गिरोह के लिए पंजाब में ठगी करने वाला एजेंट गिरफ्तार
जामताड़ा गिरोह के लिए पंजाब में ठगी करने वाला एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्ली, अरविंद द्विवेदी। मैदानगढ़ी थाना पुलिस ने छतरपुर निवासी एक निजी होटल के मैनेजर से ठगी करने वाले जामताड़ा गिरोह के पंजाब में मुख्य एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित संदीप सिंह उर्फ दीपा जामताड़ा गिरोह के साथ काम करता था और महीने में 25 से 30 लाख रुपये तक कमाता था। दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि 30 जुलाई को छतरपुर निवासी एक निजी होटल के मैनेजर के साथ ठगी हुई थी। मैनेजर की शिकायत पर पुलिस जांच कर 11 सितंबर को जयपुर से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

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मिलता था 10 प्रतिशत कमीशन

आरोपित ने बताया कि उसका मुख्य काम पंजाब में लोगों के ठगे गए पैसों से बिल भरने के लिए डीलर और बैंक के खातों का इंतजाम करना था। इन डीलरों ने उसका गिरोह बिजली के बिल भरने आने वाले लोगों की जानकारी लेते थे। सभी बिल भरने के बाद आरोपी डीलर से पैसे लेते थे। इसकी एवज में वह डीलरशिप लेने वाले को 10 प्रतिशत का कमीशन देते थे। जबकि आम कंपनियां दो प्रतिशत का कमीशन देती हैं। इस काम से संदीप सिंह 25 से 30 लाख रुपये कमा लेता था।

ऐसे करते थे काम

इसके लिए ये लोगों से सपंर्क करके उनके बिल जैसे बिजली-पानी, फोन और अन्‍य ऑनलाइन बिलों को भरने के लिए संपर्क करते थे। इसके बाद वह उन्‍हें लुभाने के लिए डिस्‍काउंट का ऑफर देते जैसे 10 हजार के ऑनलाइन बिल के लिए मात्र 9 हजार दीजिए। इस तरह यह लोगों का ऑनलाइन बिल भर कर वह कैस ले लेते थे।  

मुखिया झारखंड के जामताड़ा से चलाता था गिरोह

आरोपितों ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह का मुखिया झारखंड के जामताड़ा से गिरोह चलाता है। वहीं, गिरोह के अन्य लोग कमीशन पर पंजाब, राजस्थान, बंगाल, गुजरात और बिहार में काम करते हैं। यह लोग जामताड़ा में बैठे लोगों को आम लोगों के बिलों व बैंक अकाउंट की जानकारी देते हैं। इन आकउंटों का उपयोग ठगी का पैसा जमा करने के लिए किया जाता है। इसकी एवज में उन्हें कमीशन दिया जाता है।

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