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अभिनेता सुशांत राजपूत पर बनी फिल्म न्याय-द जस्टिस के रिलीज होने पर अब हाई कोर्ट ने मांगी ये जानकारी

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित कथित फिल्म न्याय-द जस्टिस पर रोक लगाने से इन्कार करने के एकल पीठ के फैसले को सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने चुनौती दी है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि फिल्म रिलीज हुई या नहीं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 12:22 PM (IST)
अभिनेता सुशांत राजपूत पर बनी फिल्म न्याय-द जस्टिस के रिलीज होने पर अब हाई कोर्ट ने मांगी ये जानकारी
एकल पीठ ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग वाली सुशांत के पिता की याचिका की थी खारिज।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर आधारित कथित फिल्म न्याय-द जस्टिस पर रोक लगाने से इन्कार करने के एकल पीठ के फैसले को सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने चुनौती दी है। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एजे भंभानी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई से पहले ये जानना जरूरी है कि फिल्म न्याय-द जस्टिस अभी रिलीज हुई है या नहीं। पीठ ने कहा कि यह फिल्म 11 जून को ओवर-द-टाप प्लेटफार्म पर रिलीज होनी थी। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि फिल्म रिलीज हुई या नहीं।

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पीठ ने कहा कि अगर फिल्म रिलीज हो चुकी है तो फिर मामले को रोस्टर-बेंच के लिए रोका जाता है, लेकिन अगर रिलीज नहीं हुई है तो पीठ याचिका पर सुनवाई करने की अनुमति दे सकती है। पीठ ने रिलीज को लेकर जानकारी तब मांगी जब सुशांत के पिता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने पीठ से कहा कि फिल्म अभी रिलीज नहीं हुई है। वहीं फिल्म निदेशक की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है। सुशांत के पिता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने भी सुझाव दिया कि फिल्म रिलीज होने के पहलू को सत्यापित किये जाने के बाद ही आगे की सुनवाई की जानी चाहिए। पीठ ने इसके बाद रिलीज के संबंध में जानकारी देने का निर्देश देते हुए सुनवाई 25 जून तक के लिए स्थगित कर दी।

दस जून को न्यायमूर्ति संजीव नरूला की एकल पीठ ने फिल्म पर रोक लगाने मांग वाली कृष्ण किशोर सिंह की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मरणोपरांत निजता के अधिकार की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा था कि इन फिल्मों को न तो सुशांत की बायोपिक के रूप में चित्रित किया गया है और न ही उनके जीवन में जो कुछ हुआ उसका तथ्यात्मक वर्णन है। पीठ ने सुशांत के पिता की इस दलील को गलत बताया कि फिल्म की सामग्री मानहानिकारक है और इससे उनकी व उनके बेटे की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।

यह है मामला

सुशांत के पिता ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके बेटे के जीवन पर आधारित आगामी या प्रस्तावित फिल्मों न्याय- द जस्टिस, आत्महत्या या हत्या: ए स्टार वास लास्ट, शशांक को रिलीज होने से रोका जाये। उन्होंने आरोप लगाया था कि फिल्म निर्माता स्थिति का लाभ उठाने के लिए इस तरफ की फिल्म बना रहे हैं। उन्होंने इसके लिए फिल्म निर्माताओं से दो करोड़ रुपये के मुआवजा की भी मांग की थी।


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