Move to Jagran APP

रोहिणी कोर्ट में दिनदहाड़े हुई घटना के बाद अदालतों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की ये रिपोर्ट, आप भी जानें

सुरक्षा के लिहाज से तकनीकी उपयोग बढ़ाना चाहिए। सुरक्षा संबंधी चिंता को दूर करने के लिए सुरक्षा उपकरणों को अपडेट करने की जरूरत है। रिपोर्ट को देखकर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र दिल्ली सरकार व विभिन्न बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 03:11 PM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 03:11 PM (IST)
रोहिणी कोर्ट में दिनदहाड़े हुई घटना के बाद अदालतों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की ये रिपोर्ट, आप भी जानें
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी की जिला अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दाखिल की। इसमें कहा गया है कि सुरक्षा के लिहाज से तकनीकी उपयोग बढ़ाना चाहिए। सुरक्षा संबंधी चिंता को दूर करने के लिए सुरक्षा उपकरणों को अपडेट करने की जरूरत है। दिल्ली पुलिस की स्थिति रिपोर्ट को देखकर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार व विभिन्न बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे हैं।

loksabha election banner

मामले में अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। रोहिणी कोर्ट में 24 सितंबर को हुई गोलीबारी के मामले का स्वत: संज्ञान लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस और सभी बार एसोसिएशन को सुझाव देने का निर्देश दिया था।अधिवक्ताओं के पहचान पत्र की हो जांचपुलिस ने सुझाव दिया कि अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं के पहचान पत्रों की जांच की जानी चाहिए और सुरक्षा उपकरणों के साथ उचित जांच के बाद केवल अधिकृत वाहनों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। पुलिस ने साथ ही सभी अधिवक्ताओं से सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करने का आग्रह करने का निर्देश देने की मांग की।

पुलिस ने सुझाव दिया कि देर रात तक वकीलों के चैंबर खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए हर जिला अदालत में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं से लैस एक एम्बुलेंस तैनात की जाएगी।बदले जाएं पुराने सुरक्षा उपकरणपुलिस ने कहा कि अदालत परिसर में लगे ज्यादातर उपकरण पुराने हो चुके हैं। इनके स्थान पर एचडी सीसीटीवी कैमरे व मानिटर लगाए जाएं। इसके अलावा आरएफ टैग या बार कोड रीडर सुविधाओं के साथ 360 डिग्री वाहन स्कैनर लगाया जाए। सामान और बैग की जांच के लिए स्कैनर के साथ ही विस्फोटक जांच के लिए स्कैनर लगाया जाए। अदालत में उचित निगरानी के साथ संवेदनशील बिंदु पर पर्याप्त स्टोरेज वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया गया।

सात जिला अदालतों का किया गया सुरक्षा आडिट

पुलिस ने यह भी कहा कि अदालत के निर्देश पर सभी सात जिला अदालतों का सुरक्षा आडिट किया गया है और सुधार के लिए आगे की कार्रवाई के लिए इसका विश्लेषण किया जा रहा है। सभी जिला अदालतों की सुरक्षा को विशेष पुलिस इकाई ने अपने हाथ में ले लिया है। अदालत में आने वालों का किया जाए सत्यापन पुलिस ने कहा कि अदालत परिसर में आने वाले लोगों के भारी दबाव के कारण भीड़ रहती है। ऐसे में अदालतों द्वारा जारी समन और नोटिस या अदालत में उनकी उपस्थिति को सही ठहराने के लिए किसी अन्य दस्तावेज के उचित सत्यापन करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.