गर्मी और बारिश के बाद इस बार सर्दी भी तोड़ेगी रिकार्ड, दो डिग्री पहुंचते ही कांपेगी दिल्ली
ला नीना के प्रभाव से दिसंबर जनवरी और फरवरी के दौरान पूरे उत्तर मध्य और पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। शीत लहर और कोहरे के दिन भी अधिक रहने के आसार हैं।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Weather Update: गर्मी और बारिश के बाद इस बार सर्दी भी रिकार्ड तोड़ेगी। ला नीना के प्रभाव से दिसंबर, जनवरी और फरवरी के दौरान पूरे उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। शीत लहर और कोहरे के दिन भी अधिक रहने के आसार हैं।
जल्द कोहरे करेगा परेशान
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस साल सर्दी की दस्तक अक्टूबर में ही हो गई। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है तो कोहरा पड़ना भी जल्द शुरू हो गया। पहाड़ों पर बर्फबारी भी समय से पहले शुरू हो गई। अब भी उत्तर-पश्चिमी और दक्षिणी-पूर्वी हवा के टकराने से मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है। दिल्ली में अक्टूबर के अंत में रात का तापमान 58 साल में सबसे ठंडा दर्ज किया गया था।
अल नीनो और ला नीना के कारण बदलेगा मौसम चक्र
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार अल नीनो और ला नीना से मौसम चक्र में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। इंडोनेशिया और आसपास के देशों में ला नीना के असर से बारिश औसत से अधिक हुई। इसका असर नवंबर में भी देखने को मिल रहा है। दिसंबर में अत्यधिक ठंडे दिनों की संख्या भी बढ़ सकती है। ला नीना सहित अत्यधिक बारिश और जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव से इस बार दिसंबर से जनवरी तक शीत लहर वाले दिन भी औसत से दोगुना हो सकते हैं। औसत रूप से सर्दी के मौसम में ऐसे दिन चार से पांच रहते हैं और कोहरा करीब 22 दिन तक पड़ता है। इस साल यह क्रमश: 10 और 45 दिन की हो सकती है।
क्या है ला नीना
ला नीना मौसम पैटर्न उत्तरी गोलार्ध में सर्द सर्दियों का कारण बनता है। इसके असर से भारत के कुछ हिस्सों में अत्यधिक ठंड पड़ने होने के आसार हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और फरवरी कुछ उत्तरी राज्यों में विशेष रूप से ठंडे होंगे, जहां तापमान ठीक होने से पहले तीन डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा।
समुद्री घटनओं के चरम पर होने की उम्मीद
एक के बाद एक दूसरे ला नीना की एक बड़ी संभावना है, जिसके कारण दिसंबर, 2021 से फरवरी, 2022 तक अत्यधिक ठंड पड़ सकती है। इस अवधि के दौरान समुद्री घटनाओं के भी चरम पर होने की उम्मीद है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सर्दी की तीव्रता दुनिया के अन्य हिस्सों में घटते कई अन्य कारकों से भी प्रभावित होती है।-जीपी शर्मा, अध्यक्ष, मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन, स्काईमेट वेदर