पांच साल बाद हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के 718 वें उर्स मुबारक में शामिल होने पाकिस्तान से दिल्ली पहुंचे 80 जायरीन
हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के 718 वें उर्स मुबारक में शामिल होने आया है। इन्हें भारत सरकार ने वीजा जारी किया है। यह तब हुआ है जब पाकिस्तान ने ऐतिहासिक करतारपुर गुरुद्वारा जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को अनुमति दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान से सरहद पर भले ही तनाव बरकरार हो, पर थोड़ी बर्फ पिघलनी तो शुरू हुई हो गई है। कोई पांच साल बाद 80 जायरीनों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान से दिल्ली पहुंचा है। यह हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के 718 वें उर्स मुबारक में शामिल होने आया है। इन्हें भारत सरकार ने वीजा जारी किया है। यह तब हुआ है जब पाकिस्तान ने ऐतिहासिक करतारपुर गुरुद्वारा जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को अनुमति दी है।
इस संबंध में निजामुद्दीन उर्स आयोजित समिति के अध्यक्ष फरीद निजामी ने कहा कि उन लोगों को भी पाकिस्तान से प्रतिनिधिमंडल के आने की जानकारी रविवार को ही हुई मिली है। कुल 80 जायरीनों का प्रतिनिधिमंडल आया है जो 26 नवंबर तक चलने वाले उर्स में शामिल होगा। हालांकि, अन्य किसी दूसरे देश के जायरीन इस वर्ष उर्स में शामिल नहीं होंगे। वर्ष 2016 में उरी सेना कैंप पर आतंकियों के हमले के बाद से पड़ोसी मुल्क से रिश्ते बेहद खराब दौर में हैं। तब से निजामुद्दीन दरगाह पर किसी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का आना नहीं हो रहा था।
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के न्यूनतम मामले आने तथा रिकार्ड टीकाकरण के बाद इस बार उर्स समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा। पांच दिवसीय आयोजन में कव्वाली की महफिल जमेगी। मुख्य कार्यक्रम 18वीं शरीफ का बड़ा कुल 24 नवंबर बुधवार को आस्ताना शरीफ के सहन में दिन के 11 बजे होगा। इसी तरह 25 और 26 नवंबर को भी महफिले कुल होंगी। 26 नवंबर को फातिहा लंगर और कव्वाली का आयोजन होगा।
कार्यक्रम में कुरान ख्वानी, फातिहा ख्वानी के बाद नतिया मुशायरा भी होगा, जिसमे मुख्तार तिलहरी, अफजल मंगलोरी, मतीन अमरोही, अजहर इकबाल, इलियास अमरपुरी, गुफरान अशर्फी, मुहम्मद ओवैस रियाज कदीरी, आरिफ अशरफी, राजी मियां नियाजी, ज़ाहिद मियां नियाजी, कासिम मियां नियाजी समेत अन्य मौजूद रहेंगे। 25 नवंबर गुरुवार को उर्स महल का अंतिम कार्यक्रम ’ कुल हंिदू रूहानी तबलीगी इज्तिमा’ होगा।