दिल्ली के एक इलाके में 42 साल बाद दो एकड़ में दिखेगा तालाब, पास में बनेगा बच्चों का पार्क
जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने में तालाबों की अहम भूमिका रहती है। इसी कड़ी में गाजीपुर गांव में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने ‘से अर्थ’ नामक संस्था के साथ मिलकर दो एकड़ में फैले तालाब (जोहड़) के जीर्णोद्धार की कवायद शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने में तालाबों की अहम भूमिका रहती है। इसी कड़ी में गाजीपुर गांव में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने ‘से अर्थ’ नामक संस्था के साथ मिलकर दो एकड़ में फैले तालाब (जोहड़) के जीर्णोद्धार की कवायद शुरू कर दी है।
जीर्णोद्धार कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) की मदद से करवाया जा रहा है। इसके लिए निगम ने एक योजनाएं बनाई है, जिसमें तालाब को तैयार करने के बाद आसपास के खाली मैदान में बच्चों के लिए पार्क को तैयार करवाया जाएगा। क्षेत्र में नाले व बरसात के पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की मदद से शुद्ध कर तालाब में डाला जाएगा।
पार्षद अपर्णा गोयल ने बताया कि गांव के बुजुर्गो के अनुसार यहां करीब 42 साल पहले तालाब हुआ करता था। पहले गांव का सारा पानी इसी तलाब में जमा होता था, जिससे आसपास भूजल स्तर काफी अच्छा रहता था। जैसे-जैसे गांव का विकास शुरू हुआ, तो तालाब में क्षेत्र का पानी जाना बंद हो गया। ऐसे में तालाब देखरेख के अभाव में सूख गया।
लोग यहां अपने घरों का कूड़ा व मलबा डालने लगे। कूड़े की गंदगी से लोगों को परेशानी होने लगी। निगम ने लोगों की परेशानी को देखते हुए इस तालाब को पार्क में तब्दील कर दिया है। लेकिन अब जल संरक्षण व भूजल के स्तर को बढ़ाने के लिए निगम ‘से अर्थ’ के साथ मिलकर तालाब का जीर्णोद्धार कर रहा है।
तालाब में एसटीपी का डाला जाएगा पानी
‘से अर्थ’ संस्था के सदस्य मोहित रेनन ने बताया कि इस दो एकड़ जमीन के एक छोर में तालाब के पानी को शुद्ध करने के लिए मिनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तैयार करवाया जाएगा। प्लांट में क्षेत्र की नाली व बड़े नालों का पानी लिया जाएगा। गंदे पानी को एसटीपी से शुद्ध कर तालाब में डाला जाएगा।