Move to Jagran APP

Covid-19 Vaccine: किशोर और बीमार बच्चों को सबसे पहले लगेगी वैक्सीन! जानिए कब टीकाकरण शुरू होने की है उम्मीद

एम्स के डाक्टरों का तर्क है कि देश में बच्चों में कोविड का संक्रमण करीब 12 फीसद है। इसमें भी छोटे बच्चों की संख्या बहुत ही कम है। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस के घातक प्रभाव के बावजूद 10 वर्ष से कम उम्र के 3.33 फीसद बच्चे संक्रमित हुए।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:38 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 09:12 AM (IST)
Covid-19 Vaccine: किशोर और बीमार बच्चों को सबसे पहले लगेगी वैक्सीन! जानिए कब टीकाकरण शुरू होने की है उम्मीद
एम्स के डाक्टर वयस्कों की तरह बच्चों के लिए वरीयता तय करने का दे रहे सुझाव

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों के टीकाकरण की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। दो से 18 वर्ष के बच्चों पर कोवैक्सीन टीके के परीक्षण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि सितंबर में बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टर वयस्कों की तरह बच्चों की भी बीमारियों व उम्र के आधार पर वरीयता सूची तैयार कर टीकाकरण की सलाह दे रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो 12 से 18 वर्ष के बच्चों के साथ मोटापे व अन्य पुरानी बीमारियों से पीडि़त बच्चों को वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता दी जा सकती है।

loksabha election banner

एम्स के डाक्टरों का तर्क है कि देश में बच्चों में कोविड का संक्रमण करीब 12 फीसद है। इसमें भी छोटे बच्चों की संख्या बहुत ही कम है। दूसरी लहर में डेल्टा वायरस के घातक प्रभाव के बावजूद 10 वर्ष से कम उम्र के 3.33 फीसद बच्चे संक्रमित हुए। 11 से 20 वर्ष की उम्र के किशोरों व नवयुवकों में संक्रमण की दर 8.35 फीसद रही है।

सीरो सर्वे में भी यह बात सामने आ चुकी है कि बच्चों में भी वयस्कों की तरह ही कोविड एंटीबाडी पाई गई है। लिहाजा, छोटे बच्चे भी संक्रमित तो हुए, लेकिन वे बीमार नहीं हुए। इसलिए छोटे बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है। कोवैक्सीन के ट्रायल में भी पहले 12 से 18 वर्ष के बच्चों को और फिर छह से 12 वर्ष के बच्चों को टीका लगाया गया था। इसके बाद दो से छह साल की उम्र के बच्चों की बारी आई।

एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के प्रोफेसर डा. एसके काबरा ने कहा कि वयस्कों की तरह बच्चों को भी वरीयता सूची के आधार पर टीका लगेगा। 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों पर टीके के ट्रायल का डाटा भी पहले आने की उम्मीद है, जिससे पता चल सकेगा कि टीका कितना सुरक्षित और प्रभावी है। इसलिए पहले 12 से 18 वर्ष की आयु वर्ग को टीका लगेगा।

12 साल से अधिक उम्र के बच्चे मोटापे से ज्यादा पीड़ित

मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की निदेशक प्रोफेसर डा. सुनीला गर्ग ने कहा कि 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों में मोटापा अधिक होता है। खास तौर पर शहरी क्षेत्र के बच्चे मोटापे से अधिक पीडि़त हैं। इसलिए पहले इस आयु वर्ग को टीका लगना चाहिए। विदेश में भी यही फार्मूला अपनाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.