क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को सिम उपलब्ध करवा रहा प्रशासन, टिकट बुक का भी इंतजाम
विवेक विहार एसडीएम राजेश चौधरी ने बताया कि यह राजधानी दिल्ली का पहला ऐसा क्वारंटाइन सेंटर है जहां पर गर्मी से राहत के लिए एसी लगे हुए हैं।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। रोजी-रोटी कमाने के लिए विदेश गए भारतीय प्रवासी कोरोनाकाल में वापस स्वदेश लौट रहे हैं। वंदे मातरम अभियान के तहत विदेशों में रह रहे भारतीयों को लाया जा रहा है, घर वालों की झलक देखे बिना आइजीआइ एयरपोर्ट से सीधे उन्हें क्वारंटाइन सेंटर ले जाया जा रहा है। विदेश से लौट रहे हैं तो उनके पास ऐसा कोई फोन नंबर भी नहीं है जिससे कॉल करके घर वालों को अपना हाल बता सकें। अपनों से साथ बने रहने की आस यमुना स्पाेट्स काॅम्प्लेक्स में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में पूरी हो रही है।
चूंकि प्रवासी विदेश से लौट रहे हैं तो प्रशासन उन्हें क्वारंटाइन की समय सीमा पूरी होने से पहले बाहर निकलकर किसी भी तरह की खरीदारी नहीं करने दे सकता, ऐसे में प्रशासन ने सेंटर के अंदर ही इन लोगों को सुविधाएं मुहैया करवा रहा है। सेंटर में प्रशासन ने एक काउंटर बनाया है जहां पर टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों को बैठाया गया है। क्वारंटाइन हुए लोग काउंटर से अपनी मर्जी से कंपनी की फोन सिम खरीद सकते हैं। मौजूदा वक्त में इस सेंटर में सऊदी अरब, दुबई, इरान, इराक सहित कई देशों से आए चार सौ प्रवासी क्वारंटाइन हैं।
विवेक विहार एसडीएम राजेश चौधरी ने बताया कि यह राजधानी दिल्ली का पहला ऐसा क्वारंटाइन सेंटर है जहां पर गर्मी से राहत के लिए एसी लगे हुए हैं। जो लोग क्वारंटाइन है, वह काफी वक्त से विदेशों में रह रहे थे। उनके पास उसी देश का फोन नंबर था, जब वह स्वदेश लौटे तो उन्हें कोरोना के चलते एयरपोर्ट से सीधे क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया। सेंटर में एक काउंटर बनाया गया है जहां से यह लोग सिम खरीद सके। हाथों हाथ सिम चालू करवाई जा रही है, ताकि जो व्यक्ति क्वारंटाइन है वह अपने घर पर बात कर सकें। वक्त गुजारने के लिए इंटरनेट चला सके। प्रशासन प्रयास कर रहा है क्वारंटाइन हुए लोगों को ऐसी सुविधाएं दी जाएं, जिससे उनका मानसिक तनाव खत्म हो और वह आराम से रहें।
सेंटर में ही हो रही है टिकट बुक
विदेशों से लौट रहे लोगों को सात दिन के लिए दिल्ली में क्वारंटाइन किया जा रहा है, इसके बाद उन्हें अपने प्रदेश जाकर घर में क्वारंटाइन होना पड़ रहा है। एसडीएम चौधरी ने बताया कि सेंटर में रह रहे अधिकतर लोग दूसरे राज्यों के हैं, कोई उनके साथ धोखाधड़ी न कर लें। उसके बचाव के लिए सेंटर में बने काउंटर पर ट्रेन व हवाइ जहाज के टिकट भी बुक किए जा रहे हैं।
काम्प्लेक्स ने लॉकडाउन में दिया था बहुत साथ
लॉकडाउन में प्रशासन ने कॉम्प्लेक्स को दिल्ली का सबसे बड़ा रैन बसेरा बनाया था, जो कामगार लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों को जा रहे थे। उन्हें लाकर यहां रखा गया था। पूरे लॉकडाउन में यहां 25 हजार लोग रहे हैं। उनकी देखभाल के लिए 200 वालंटियर लगाए गए थे।
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