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#SushantSinghRajput: सुशांत सिंह राजपूत की मौत बनेगी कोरोना अध्ययन का हिस्सा

Sushant Singh Rajput Suicide इस अध्ययन में अनलॉक की बदली हुई मनोस्थिति व कोरोना लॉकडाउन के साइड इफेक्ट पर गौर किया जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 08:13 AM (IST)
#SushantSinghRajput: सुशांत सिंह राजपूत की मौत बनेगी कोरोना अध्ययन का हिस्सा
#SushantSinghRajput: सुशांत सिंह राजपूत की मौत बनेगी कोरोना अध्ययन का हिस्सा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Sushant Singh Rajput Suicide: बॉलीवड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी भले ही अभी अनसुलझी हो, लेकिन इसके कारण अब राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के कोरोना अध्ययन श्रंखला का हिस्सा बनेंगे। सुशांत अवसाद (डिप्रेशन) में क्यों आए? सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के क्रम में भी उन पर अवसाद कैसे हावी होता गया? और किस तरह यह उनकी मौत की वजह बन गया? जैसे सवालों पर विशेषज्ञों का विश्लेषण भविष्य में ऐसे मामलाें को रोकने में भी मददगार साबित होगा।

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दरअसल, लॉकडाउन-1,2,3,4 के दौरान एनबीटी ने अपनी सात सदस्यीय विशेषज्ञ टीम के माध्यम से इस पर अध्ययन रिपोर्ट तैयार की कि घर में रहते विभिन्न आयु वर्गों के लोगों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा और उनकी मनोदशा कैसी रही। इस अध्ययन पर कोरोना अध्ययन श्रंखला के तहत सात पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। इसी श्रंखला में अब अनलॉक में सामने आ रहे हालातों पर अध्ययन चल रहा है।

बदली हुई मनोस्थिति रहेगी मुख्य केंद्र बिंदु

इस अध्ययन में अनलॉक की बदली हुई मनोस्थिति व कोरोना लॉकडाउन के साइड इफेक्ट पर गौर किया जा रहा है। मसलन, लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक घाटे, दोस्तों-रिश्तेदारों से दूरी, सामाजिक जीवन लगभग खत्म हो जाने, नौकरी छूट जाने या व्यापार ठप हो जाने से लोग किन किन मनोरोगों का शिकार हो रहे हैं। अवसाद भी इस अध्ययन का एक बड़ा केंद्र बिंदु रहेगा। इसी के चलते सुशांत सिंह राजपूत सहित और भी अनेक लोग आत्महत्या जैसा जानलेवा कदम उठा चुके हैं। यह अध्ययन अगले डेढ़ दो माह में पूरा हो जाने की संभावना है।

ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा अध्ययन

एनबीटी का मानना है कि इस अध्ययन में हर मानसिक परेशानी से बचने के लिए सुझाव भी होंगे। इससे लोगों को अपनी परेशानी सुलझाने में मदद मिलेगी। परिवार के लोग भी इस अध्ययन से समझ सकेंगे कि किस स्थिति में उन्हें अपने प्रियजन की तरफ ध्यान देना चाहिए जिससे कि उसे मानसिक रोगों की गिरफ्त में आने से बचाया जा सके। पूर्ववर्ती अध्ययन की भांति यह अध्ययन भी ना केवल सामान्य पुस्तकों बल्कि पीडीएफ के रूप में ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा।

सात सदस्यीय पैनल के चिकित्सक-समाजशास्त्री

डा. जितेंद्र नागपाल, डा. हर्षिता, डा. मीना अरोड़ा, रेखा चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल तरुण उप्पल, सोनी सिद्धू, अपराजिता नागपाल।

अध्ययन का मकसद लोगों की हित

युवराज मलिक (निदेशक, एनबीटी) के मुताबिक, लॉकडाउन भले खत्म हो गया हो, लेकिन कोरोना संक्रमण अभी जारी है। ऐसे में लोग मानसिक स्तर पर तमाम परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसमें सेलेब्रिटिज भी शामिल हैं। कोरोना अध्ययन की दूसरी कड़ी में इन्हीं सबकी मानसिक परेशानियों पर अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन का मकसद लोगों काे इन परेशानियों से बाहर निकालना ही है। अवसाद के कारणों पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की विशेषज्ञ टीम काम कर रही है।


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