एएसआइ महावीर को कार से कुचलने वाला आरोपित गिरफ्तार
पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त दीपक पुरोहित ने बताया कि एएसआइ महावीर को कुचलने के बाद कार सवार घटनास्थल से फरार हो गया। इसके बाद आरोपित को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पश्चिमी जिले के खयाला थाना क्षेत्र में 17 अगस्त को एएसआइ महावीर सिंह को कुचलने के बाद फरार हुए आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी पहचान हरियाणा के फरीदाबाद स्थित फतुपुरा निवासी अमनदीप के रूप में हुई है। पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। आइ-20 कार भी जब्त कर ली गई है।
पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त दीपक पुरोहित ने बताया कि एएसआइ महावीर को कुचलने के बाद कार सवार घटनास्थल से फरार हो गया। इसके बाद आरोपित को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया। छानबीन के दौरान पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालें। इस दौरान पता चला कि कार का नंबर एचआर-51बीआर 1664 है। इसके बाद बहादुरगढ़ ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से कार मालिक का पता निकाला गया तो यह कार फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र के नाम पर थी।
वहां से बिजेंद्र का मोबाइल नंबर व पूरा पता निकाला गया। पुलिस जब बिजेंद्र के घर पर गई तो वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने बिजेंद्र की कॉल डिटेल खंगाली, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस टीम ने इसके बाद हुंडई सर्विस सेंटर से संपर्क किया और इस नंबर की आइ-20 कार की सर्विसिंग के बारे में पता करना शुरू किया।
इस दौरान पता चला कि मई 2019 में गुरुग्राम स्थित ट्रंफ हुंडई में इसकी सर्विसिंग हुई थी। ट्रंफ हुंडई जाकर पता चला कि सुशील गुप्ता ने इस कार की सर्विसिंग कराई थी। वहां से सुशील गुप्ता का मोबाइल नंबर पुलिस ने लिया और उन्हें फोन किया। सुशील गुप्ता ने कहा कि जून 2019 में एक्सचेंज ऑफर में यह कार यूनाइटेड ऑटोमोबाइल महिंद्रा फरीदाबाद को बेचा था। इसके बाद पुलिस फरीदाबाद पहुंची तो यूनाइटेड ऑटोमोबाइल महिंद्रा की ओर से जानकारी मिली कि यह कार साई मोटर सेक्टर 12 फरीदाबाद को बेच दी थी। फिर साई मोटर से पुलिस को पता चला कि यहां से फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र को यह कार बेची गई। यहां पर पुलिस को दो मोबाइल नंबर मिले। इसमें से एक नंबर आनंद सिंह व दूसरा नंबर बिजेंद्र का था।
आनंद सिंह से जब पुलिस ने संपर्क किया तो पता चला कि बिजेंद्र ने यह कार बल्लभगढ़ सेक्टर तीन निवासी मोनू के हाथों बेच दी है। इसके बाद पुलिस ने मोनू से पूछताछ कि तो पता चला कि यह कार उसने राजेश बेनीवाल नामक शख्स के हाथों बेच दी थी। राजेश बेनीवाल ने यह कार सचिन के हाथों बेची थी। सचिन ने इसे अमनदीप को बेच दिया था। इसके बाद पुलिस ने अमनदीप की कॉल डिटेल व लोकेशन खंगाली तो पता चला कि 17 अगस्त को अमनदीप खयाला इलाके में था।
पुलिस अमनदीप के गांव फतुपुरा पहुंची जहां पता चला कि वह पिछले तीन-चार दिनों से गांव नहीं आया। छानबीन के दौरान पुलिस काे जानकारी मिली कि वह नोएडा सेक्टर 45 स्थित सदरपुर में अपने ससुराल में है। पुलिस टीम वहां पहुंची, लेकिन वहां भी सफलता नहीं मिली। उस दौरान अमनदीप ससुराल में नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उस इलाके की निगरानी शुरू की। 21 अगस्त की देर रात अमनदीप जैसे ही अपनी कार से वहां पहुंचा पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि खयाला इलाके में वह अपने रिश्तेदार से मिलने गया था। इसी दौरान खयाला में उसे पुलिसकर्मी ने कार रोकने का इशारा किया। पुलिसकर्मी का इशारा देखते ही उसे गुस्सा आ गया और एएसआइ को कुचलने के बाद वहां से फरार हो गया।
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