संकेतकों की अनदेखी से होते हैं हादसे, पीडब्ल्यूएडी ने कहा, हादसे रोकने के लिए उठाए गए हैं जरूरी कदम
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद दिल्ली छावनी तीनों नगर निगम की भी अपनी सड़कें हैं। उनके पास दिल्ली में जितनी सड़कें हैं। उनकी कुल लंबाई 1259 किलोमीटर है।
राहुल चौहान’ नई दिल्ली। राजधानी में सुरक्षित यात्र को लेकर यूं तो यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और लोक निर्माण विभाग द्वारा कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही समय-समय पर इनमें सुधार भी किया जाता है। इसके बावजूद कुछ कमियां रह जाती हैं, जो हादसे का कारण बनती हैं। इसमें लोगों की लापरवाही भी जिम्मेदार है।
सुरक्षित यातायात के लिए सड़कों, संकेतकों, सिग्नलों की व्यवस्था लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि यातायात पुलिस द्वारा मांगी गई मदद पर विभाग द्वारा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। चौराहों पर लालबत्ती, ब्लिंकर व कैमरे लगाने का कार्य खुद यातायात पुलिस द्वारा कराया जाता है। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, दिल्ली छावनी, तीनों नगर निगम की भी अपनी सड़कें हैं। उनके पास दिल्ली में जितनी सड़कें हैं। उनकी कुल लंबाई 1259 किलोमीटर है। इन सड़कों पर लालबत्ती और कैमरे लगाने को छोड़कर अन्य सभी कार्य लोक निर्माण विभाग करता है।
कहां पर वाहनों के लिए कितनी रफ्तार निर्धारित है। कौन सा प्वाइंट सड़क दुर्घटनाओं वाला है, जहां पर सड़क दुर्घटना का खतरा रहता है। कहां तीव्र मोड़ है। यह सब जानकारी विभाग द्वारा इन स्थानों से लगभग 500 मीटर पहले ही वाहन चालकों को उपलब्ध कराई जाती है। इसके लिए जगह-जगह संकेतक लगाए जाते हैं। साथ ही स्पीड ब्रेकर, सफेद पट्टी, डिवाइडर सहित अन्य कार्य भी यातायात पुलिस के प्रस्ताव पर पीडब्लूडी करता है। यातायात पुलिस द्वारा बताए गए स्थान पर उनके अनुसार यह सब सुविधाएं विभाग उपलब्ध कराता है। वह कहते हैं कि यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि अन्य शहरों की अपेक्षा दिल्ली में यातायात प्रबंधन बेहतर है। वहीं यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यातायात पुलिस के पास अधिकतर संसाधन हैं।
इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे आदि जैसे संसाधनों की संख्या भी बढ़ रही है इससे और भी मदद मिलेगी। यही नहीं किस लालबत्ती पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए कैमरे लगाए गए हैं। इसकी जानकारी देने वाले संकेतकों को लगाए जाने का काम भी शुरू कर दिया गय है।
सुरक्षित यातायात सप्ताह
(24-30 नवंबर)
अब दिल्ली में ड्राइविंग में दक्ष लोगों को ही लाइसेंस मिल सकेगा। यानी मैन्युअल ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसी कड़ी में लोनी, राजा गार्डन और रोहिणी स्थित परिवहन विभाग के कार्यालयों में भी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर चालू हो रहे हैं। इससे पहले वजीरपुर, बुराड़ी, सूरजमल विहार, मयूर विहार और सराय काले खां में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर काम कर रहे हैं। वहीं जनवरी से द्वारका, लाडो सराय और हरिनगर में भी ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर तैयार हो जाएंगे।
नए सिस्टम से ड्राइविंग टेस्ट को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी। परिवहन विभाग के मुताबिक ऑटोमेटेड ड्राइ¨वग टेस्ट ट्रैक पर ठीक से गाड़ी चलाने वालों को ही स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाता है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और साथ ही ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम को शत-प्रतिशत पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की व्यवस्था हो रही दुरुस्त सुरक्षित यातायात के लिए सड़क सुरक्षा विभाग विज्ञापन और जगह-जगह स्टिकर और बोर्ड लगाकर लोगों को जागरूक करता रहता है। यातायात सप्ताह में विशेष अभियान चलाया जाता है।
डॉ. अजीत कुमार सिंगला, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात), बाहरी परिक्षेत्र
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो