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झटीकरा मोड़ सड़क हादसाः संदीप पर टूटा दुखों का पहाड़, 5 साल पहले पिता को खोया; अब दोनों भाई भी नहीं रहे

प्रदीप कुलदीप व अखिल के स्वजन आंसुओं को रोक पाने में समर्थ नहीं हो रहे हैं। इस दुर्घटना ने प्रदीप कुलदीप के छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठा दिया वहीं दीनपुर स्थित अखिल के घर में भी स्वजन का रो रोकर बुरा हाल है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 07:10 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 07:10 PM (IST)
झटीकरा मोड़ सड़क हादसाः संदीप पर टूटा दुखों का पहाड़, 5 साल पहले पिता को खोया; अब दोनों भाई भी नहीं रहे
हादसे में जान गंवाने वाले कुलदीप की फाइल फोटो

नई दिल्ली [भगवान झा]। छावला थाना क्षेत्र स्थित झटीकरा मोड़ पर हुई सड़क दुर्घटना के बाद श्याम विहार फेज-2 व दीनपुर में चीख-पुकार मची हुई है। प्रदीप, कुलदीप व अखिल के स्वजन आंसुओं को रोक पाने में समर्थ नहीं हो रहे हैं। इस दुर्घटना ने प्रदीप, कुलदीप के छोटे-छोटे बच्चों के सिर से पिता का साया उठा दिया वहीं दीनपुर स्थित अखिल के घर में भी स्वजन का रो रोकर बुरा हाल है।

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प्रदीप व कुलदीप के बड़े भाई संदीप ने बताया कि पांच वर्ष पहले पिताजी की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई थी। इसके बाद परिवार को किसी तरह संभालना शुरू किया था। अब जाकर लगने लगा था कि सबकुछ ठीक हो रहा है, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। मेरे दोनों छोटे भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे। अब इनके छोटे-छोटे बच्चों को मैं क्या जवाब दूंगा। एक के बाद एक हो रही घटना ने हमें पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है।

प्रदीप के स्वजन कंवरलाल गुस्से में कहते हैं, ये क्लस्टर बस चालक सड़क पर मौत के रूप में बसों को दौड़ाते रहते हैं। सड़कों पर इनकी रफ्तार काफी ज्यादा रहती है। साथ ही ये बस को आड़े-तिरछे चलाते रहते हैं। अगर ये यातायात नियमों का पालन करते हुए बस चलाते तो आज तीनों जिंदा होते। स्थानीय लोगों ने कहा कि बस चालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। ये सिर्फ लापरवाही का मामला नहीं है। इसने तीन परिवारों के सपने को तोड़ दिया है। ऐसे में सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

सड़क पर डिवाइडर नहीं होने से हुआ हादसा

झटीकरा मोड़ से लेकर झटीकरा गांव तक जाने वाली सड़क करीब छह किलोमीटर लंबी है। सड़क दो लेन की है, लेकिन इसपर अभी तक डिवाइडर नहीं बनाये गये हैं। इस सड़क पर छह माह पहले हुई सड़क दुर्घटना में पंडवाला गांव के दो युवक की मौत हो गई थी। वहीं मंगलवार रात हुए हादसे में तीन लोगों की जान चली गई।

स्थानीय निवासी हेमंत ने बताया कि दो लेन की सड़क है और लेन को अलग करने के लिए उजली पट्टी बनाई गई है, लेकिन बस चालक इसका ध्यान नहीं रख रहे हैं। डिवाइडर नहीं होने के चलते बस चालक अपनी मनमर्जी से दूसरी लेन में बस लेकर चला गया और दुर्घटना हो गई। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से सबक लेकर अब इस सड़क पर डिवाइडर जल्द से जल्द बनने चाहिए। पिछले छह माह में दो बार हुई दुर्घटना ने हम सबको चिंतित कर दिया है।

नवीन ने बताया कि मेट्रो निर्माण के दौरान धंसी सड़क के कारण अब बसें ढांसा स्टैंड से न जाकर झटीकरा मोड़ होते हुए कैर या फिर ढांसा बार्डर जाती है। ऐसे में इस सड़क पर वाहनों का दबाव बढ़ गया है। अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो आनेवाले समय में और हादसे हो सकते हैं।


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