इन 5 वजहों से बेटी आरुषि की हत्या के शक के घेरे में आए थे राजेश तलवार
पुलिस छत पर जाकर दरवाजा खोलना चाह रही थी, लेकिन राजेश तलवार ने दरवाजे की चाभी मुहैया नहीं कराई।
नोएडा (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन एडीजी (कानून व्यवस्था) ब्रजलाल का मानना है कि आरुषि-हेमराज मर्डर में गौतम बुद्ध नगर पुलिस की जांच सही थी। आरुषि की हत्या के बाद नोएडा पुलिस मौके पर पहुंची थी। डॉ. राजेश तलवार ने पुलिस को तुंरत बता दिया कि नौकर हेमराज आरुषि को मार डाला। वह नेपाल भाग गया। यही शिकायत में लिखकर भी दिया। इसके आधार पर नोएडा पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पूर्व पुलिस अधिकारी ब्रजलाल ने उठाए सवाल
1. पुलिस छत पर जाकर दरवाजा खोलना चाह रही थी, लेकिन राजेश तलवार ने दरवाजे की चाभी मुहैया नहीं कराई।
2. वह आरुषि के पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार निकल गए।
3. वह मोदीनगर ही पहुंचे थे, लेकिन हेमराज का शव मिलने पर गौतमबुद्धनगर पुलिस ने जब फोन किया तो उन्होंने मेरठ में होने की बात कही।
4. वह मोबाइल पर हत्या के मामले में जमानत कैसे होती है, इसकी जानकारी ले रहे थे। इन सब कारणों से डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार शक के घेरे में आए थे।
5. एक आधार यह भी था कि अगर बाहरी हत्यारा होता तो वह हेमराज की हत्या के बाद छत के गेट पर ताला लगाने की जहमत नहीं उठाता। उसका मकसद होता भागना। इससे साफ जाहिर हो रहा था कि शव को ठिकाने लगाने की प्लानिंग थी।