पानी के लिए इंतजार कीजिए, सरकार सोफे पर है
पानी के लिए मारपीट व गोली चलने की घटनाएं हो रही हैं। इन हिंसक घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत होने की बात सामने आ चुकी है।
नई दिल्ली (जागरण स्पेशल)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी कैबिनेट के तीन मंत्रियों का केंद्र सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बावजूद उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरना शनिवार को भी जारी है। सोमवार शाम से शुरू हुआ धरना शनिवार को छठे दिन में प्रवेश कर गया। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय उपराज्यपाल अनिल बैजल के आधिकारिक निवास व कार्यालय राज निवास में सोमवार शाम से धरना दे रहे हैं।
वहीं, देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रही है। जिन इलाकों में पाइपलाइन है, उन कॉलोनियों में भी अंतिम घर तक पानी नहीं पहुंच रहा। अनधिकृत कॉलोनियों व पाइपलाइन से महरूम इलाकों में पानी के लिए मारपीट व गोली चलने की घटनाएं हो रही हैं। इन हिंसक घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत होने की बात सामने आ चुकी है।
भीषण गर्मी के बीच जल संकट भी गहराया, सरकार ने साधी चुप्पी
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली में पेयजल किल्लत कितनी गंभीर समस्या बनती जा रही है। फिर भी दिल्ली सरकार सुध नहीं ले रही है। राज निवास के प्रतीक्षालय के सोफे पर अपने खास मंत्रियों के साथ धरने पर बैठे मुख्यमंत्री केजरीवाल की तस्वीरें पिछले कई दिनों से सामने आ रही हैं।
प्रतिदिन 1140 एमजीडी पानी की जरूरत
गर्मी में पेयजल की मांग बढ़ने के कारण दिल्ली में प्रतिदिन 1140 एमजीडी पानी की जरूरत होती है। जल बोर्ड सामान्य तौर पर प्रतिदिन करीब 900 एमजीडी पानी की अपूर्ति करता है। जल बोर्ड यह दावा करता रहा है कि पिछले साल गर्मियों में 906 एमजीडी तक पानी की आपूर्ति की गई थी। जल बोर्ड का कहना है कि इन दिनों करीब 870 एमजीडी ही पानी की आपूर्ति हो पा रही है। इस तरह प्रतिदिन सामान्य से 30 एमजीडी कम पानी की आपूर्ति हो रही है। इस वजह से पानी की मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़कर 270 एमजीडी तक पहुंच गया है।
लोगों में बढ़ रहा गुस्सा
इस पेयजल किल्लत के कारण लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। इसी का नतीजा है कि पहले मार्च महीने में वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में पानी के लिए मारपीट की घटना हुई थी। उस घटना में अपने बेटे को बचाने पहुंचे बुजुर्ग की भी पिटाई की गई। जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। हालांकि बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौतका कारण हार्ट अटैक बताया गया। बाद में इस घटना में जख्मी उसके बेटे की भी मौत हो गई थी।
अब संगम विहार में पानी को लेकर मारपीट व गोली चलने की घटना में किशन भड़ाना नामक व्यक्ति की मौत, उनकी पत्नी व दो बेटों के घायल होने की घटना ने पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिएहैं। इस घटना से पहले भी पिछले दिनों संगम विहार में पानी के लिए गोली चलने व मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं।
संगम विहार में पाइपलाइन डालने की योजना अधर में लटकी
वर्ष 2017 तक दिल्ली के हर घर में पानी पहुंचाने का वादा पूरा करने में नाकाम रही केजरीवाल सरकार ने यह वादा इस साल पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। संगम विहार की कॉलोनियों में भी पाइपलाइन डालने की
योजना को जल बोर्ड ने मंजूरी दी थी। पर यह योजना भी अधर में लटक गई है। जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि संगम विहार का कुछ इलाका वन क्षेत्र में है, इसलिए रिज प्रबंधन बोर्ड ने योजना को मंजूरी देने से इन्कार कर दिया है।
पहाड़गंज में चार महीने से जल संकट
दिल्ली में सियासी घमासान मचा है, लेकिन आम आदमी पानी के लिए परेशान हैं। पहाड़गंज में पानी की समस्या से लोग चार महीने से अधिक समय से जूझ रहे हैं, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं हुआ है। चूना मंडी, मंटोला, राजगुरु रोड, गली चांदी वाली, शोरा कोठी सहित कई इलाकों में नियमित रूप से पानी नहीं मिलने या दूषित पानी आने की समस्या से लोग परेशान हैं। पानी की किल्लत की हालत यह है कि लोग बाजार से खरीदने के लिए विवश हैं। इस कारण लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है। गर्मी के इस मौसम में पानी नहीं मिलने से लोग बेहाल हैं। पिछले वर्ष भी पानी को लेकर इलाके में ऐसे ही हालात थे लेकिन इसके बाद भी इस बीच
कोई ऐसा इंतजाम नहीं हुआ जिससे कि यह समस्या आगे न हो। एक बार फिर, लोग गर्मी के बीच पानी के की समस्या से जूझ रहे हैं।
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