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बवाना उपचुनाव में मिली जीत से अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत

बवाना उपचुनाव में AAP ने जीत दर्ज कर 2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर विरोधियों को भी संदेश दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 12:03 PM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 01:46 PM (IST)
बवाना उपचुनाव में मिली जीत से अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत
बवाना उपचुनाव में मिली जीत से अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत

नई दिल्ली (जेएनएन)। पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी झटका खाने वाली आम आदमी पार्टी के लिए सोमवार बड़ी खुशखबरी लेकर आया। दिल्ली उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट जीत कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने न केवल अपनी साख बचाई, बल्कि पार्टी को भी नई ऊर्जा प्रदान की है।

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पिछले सप्ताह 23 अगस्त को होने वाले बवाना उपचुनाव को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज की अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था। आखिरकार AAP ने जीत दर्ज कर 2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर संदेश भी दिया है।

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बता दें कि दिल्ली का बवाना विधानसभा उपचुनाव आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया था। इस चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बहुत कुछ दांव पर लगा हुई थी।

लगातार पांच हारों के बाद अगर आम आदमी पार्टी इस चुनाव में भी जीत दर्ज नहीं कर पाती, तो उसके लिए दिल्ली में ही खतरा पैदा हो जाता। लेकिन अंत भला सो सब भला की तर्ज पर यह कहा जा सकता है कि यह जीत AAP के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।

आम आदमी पार्टी से थे रामचंद्र मैदान में

आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में रामचंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक रखी थी। दरअसल 2015 के विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद 'आप' को अभी तक दिल्ली में जीत नसीब नहीं हो पाई थी। यही वजह थी कि इस बार चुनाव प्रचार में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद मोर्चा संभाले हुए थे।

कांग्रेस का प्रत्याशी भी दमदार, हार के बाद भी फायदे में पार्टी

इस उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार की भी इस सीट में अच्छी खासी पकड़ दिखी। वह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने यहां पर AAP को कड़ी टक्कर भी दी। कांग्रेस अगर यह सीट जीतती तो दिल्ली विधानसभा में उसका खाता खुल जाता, लेकिन दूसरे नंबर पर रहकर कांग्रेस को संजीवनी जरूर मिली है, जो उसे 2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव फायदा पहुंचा सकता है।

वेद प्रकाश पर खेला था भाजपा ने दांव, नहीं मिला लाभ

भाजपा ने इस चुनाव में दोहरा दांव खेला था। पार्टी ने आम आदमी पार्टी के बागी विधायक वेद प्रकाश को उम्मीदवार बनाया था। वेद प्रकाश ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था,लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया और मार्च में बीजेपी ज्वाइन कर लिया था।


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