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Yamuna River Pollution: AAP विधायक राघव चड्डा ने बताया, यमुना नदी में प्रदूषण के लिए कौन है जिम्मेदार

Yamuna River Pollution उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले ओखला बैराज के पास जमा जलकुंभी के विघटन से फॉस्फेट निकलता है। यमुना में गंदगी का यह भी एक कारण है। लेकिन उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा वहां सफाई नहीं कराई जाती।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 10:10 AM (IST)
Yamuna River Pollution: AAP विधायक राघव चड्डा ने बताया, यमुना नदी में प्रदूषण के लिए कौन है जिम्मेदार
दिल्ली जल बोर्ड सीवरेज शोधन क्षमता में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने यमुना में प्रदूषण के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पड़ोसी राज्यों से बगैर शोधन के गंदा पानी यमुना में गिराया जा रहा है। इस वजह से यमुना में प्रदूषण बढ़ा है। जल बोर्ड ने पहले ही एनजीटी द्वारा गठित निगरानी कमेटी को जानकारी दे दी है कि दोनों राज्यों से बगैर शोधन के करीब 150 एमजीडी गंदा पानी यमुना में गिराया जा रहा है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड सीवरेज शोधन क्षमता में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है।

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अंतर्गत आने वाले ओखला बैराज के पास जमा जलकुंभी के विघटन से फॉस्फेट निकलता है। यमुना में गंदगी का यह भी एक कारण है, लेकिन उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा वहां सफाई नहीं कराई जाती। इसके अलावा मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला कचरा हिंडन नहर के जरिये इंदिरा कुंज के पास ओखला बैराज में छोड़ा जाता है। इस वजह से यमुना में झाग बढ़ता है। उत्तर प्रदेश से शाहदरा नाले के माध्यम से और हरियाणा से नजफगढ़ नाले के माध्यम से अक्सर बगैर शोधन के गंदा पानी यमुना में पहुंचता है। इस वह से ओखला बैराज में पानी में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि जल बोर्ड सीवरेज शोधन संयंत्रों से सीवरेज को शोधित करने के बाद पानी यमुना में छोड़ता है। यमुना में प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की ही परेशानी नहीं है। यमुना को साफ करने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी बराबर सहयोग की जरूरत है। जल बोर्ड सीवरेज के शोधन के जरिये बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) 10 पीपीएम (पा‌र्ट्स पर मिलियन) पर लाने के लिए लगातार काम कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने यमुना में प्रदूषण रोकने के लिए जल बोर्ड व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) को निर्देश दिया है। सीपीसीबी ने जल बोर्ड से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करे कि बगैर शोधन के सीवरेज का गंदा पानी यमुना में गिरने न पाए।

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