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AAP विधायक दिलीप पांडेय ने की जगतपुर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग

तिमारपुर के विधायक दिलीप पांडेय ने जगतपुर नाम से बनने वाले मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर वजीराबाद-जगतपुर रखने की मांग की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:59 PM (IST)
AAP विधायक  दिलीप पांडेय ने की जगतपुर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग
AAP विधायक दिलीप पांडेय ने की जगतपुर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की मांग

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिमारपुर के विधायक दिलीप पांडेय ने जगतपुर नाम से बनने वाले मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर वजीराबाद-जगतपुर रखने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह से मिलकर मांग पत्र भी सौंपा है।

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दिलीप पांडेय ने बताया कि मुलाकात में मंगू सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी मांग पर डीएमआरसी अपनी अनुशंसा लगाकर दिल्ली सरकार की स्टेट नेमिंग अथारिटी को भेज देगी। विधायक ने बताया कि स्थानीय लोग की इस मांग का निवेदन परिवहन मंत्री और स्टेट नेमिंग अथारिटी को भी भेजा जा रहा है।

व्यापारियों ने प्रधानमंत्री के पारदर्शी कर निर्धारण प्रणाली का किया स्वागत

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पारदर्शी कर निर्धारण प्रणाली की घोषणा का व्यापारी संगठनों ने स्वागत किया है। उनके मुताबिक यह बड़ा सुधारात्मक कदम है, जिससे कर मामले में भ्रष्टाचार पर रोकथाम लग सकेगी। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत करते हुए कहा कि फेसलेस मूल्यांकन और अपील के मूल सिद्धांत को कर प्रणाली से जोड़ना देश के व्यापार के लिए बड़ा कदम है। देश में करदाताओं को आम तौर पर नौकरशाही के निचले स्तर से परेशान और पीडि़त किया जाता है जो लोग को कराधान प्रणाली से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इस ²ष्टि से प्रधानमंत्री की घोषणा देश के व्यापारी समुदाय को आश्वस्त करता है कि अब व्यापारियों को अधिकारियों के रहमोकरम पर नहीं रहना पड़ेगा। वहीं, उन्होंने व्यापारियों को देश के लिए कर संग्रहकर्ता के रूप में मान्यता देने और कर विभाग को उसी के अनुसार व्यापारियों को उचित सम्मान देने की भी मांग की है।

दिल्ली किराना कमेटी के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि इस सुधार से आयकर विभाग में भ्रष्टाचार के रोकथाम में मदद मिलेगी। पहले आयकर को लेकर अधिकारी व्यापारियों को डराते थे। अब आयकर संबंधि कागजात जमा करने न विभाग जाना है न ही किसी अधिकारी से मिलना है। इसी तरह अपील मामले में भी किस अधिकारी को किसका मामला जाएगा पता नहीं रहेगा। 


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