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राज्‍यसभा प्रकरण से AAP की छवि हुई धूमिल, केजरीवाल के मौन से आहत कार्यकर्ता

कार्यकर्ता इस बात से और भी नाराज हैं कि 50-50 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप लगने के बाद भी पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 11:05 AM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 04:07 PM (IST)
राज्‍यसभा प्रकरण से AAP की छवि हुई धूमिल, केजरीवाल के मौन से आहत कार्यकर्ता
राज्‍यसभा प्रकरण से AAP की छवि हुई धूमिल, केजरीवाल के मौन से आहत कार्यकर्ता

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । राज्यसभा के लिए दो बाहरी लोगों को मौका दिए जाने से आम आदमी पार्टी की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई है। कार्यकर्ता इस बात से और भी नाराज हैं कि 50-50 करोड़ में टिकट बेचने का आरोप लगने के बाद भी पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है। न ही पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल या किसी अन्य प्रमुख नेता ने कार्यकर्ताओं को कोई संदेश नहीं दिया और न ही पार्टी की ओर से कोई सफाई ही दी गई है।

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आप के जमीनी कार्यकर्ताओं की मानें तो इस पूरे मामले में पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की निष्ठा पर सवाल उठ गया है।

आंदोलन से निकली पार्टी मे राज्यसभा के लिए दोनों बाहरी व्यक्तियों का चयन कार्यकर्ताओं के ही नहीें पार्टी के ही कई नेताओं के गले नहीं उतर रहा है। इस माहौल में अब राजनीति बदलने का नारा हो या सबसे अलग दिखने का नारा हो। आप के पास से सब कुछ छिन गया है।

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राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह पार्टी एक विश्वास पर खड़ी हुई थी। जिसका नारा था कि भ्रष्टाचार करने वालों को कालर पकड़ कर खींच लाएंगे। इस पार्टी के नेताओं में कुछ अलग करने का जज्बा था। आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के नाम पर खड़ी हुई थी। अभी तक चाहें केजरीवाल पर दो करोड़ लेने का कपिल मिश्रा द्वारा लगाया गया आरोप हो या किसी अन्य दल का कोई अन्य आरोप।

विकास कार्यों का झूठा श्रेय लेने का आरोप हो या फिर विकास कार्यों में बेहतर कार्य करने और पैसे बचाने की झूठी बात कहने का आरोप हो। आम जनता सभी मामलों को गंभीरता से नहीें ले रही थी। लोग इन आरोपों पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दे रहे थे। केजरीवाल पर जब दो करोड़ लेने का आरोप लगा था तो पार्टी के नाराज नेता कुमार विश्वास ही ढाल बनकर केजरीवाल को बचाने के लिए खड़े हो गए थे।

इतना ही नहीं अपने जिन साथी योगेंद्र यादव को केजरीवाल एंड कंपनी ने बेइज्जत कर पार्टी से निकाला था। उन्होंने ही साफ कहा था कि केजरीवाल में और अवगुण हो सकते हैं मगर केजरीवाल भ्रष्टाचारी नहीं हो सकते। मगर राज्यसभा के लिए दो बाहरी लोगों को उम्मीदवार बनाए जाने पर योगेंद्र यादव भी आहत हुए हैं।

उन्होंने कहा है कि केजरीवाल के बारे में उन्होंने जो भ्रम पाल रखा था वह टूट गया है। वहीं कुमार विश्वास ने भी 2 करोड़ मामले में पूछे जाने पर एक निजी टीवी चैनल पर कहा कि मैं उस समय ढाल था मगर अब ढाल ही टूट चुकी है।

वहीं पार्टी की अंदरूनी राजनीति की बात करें तो आप कार्यकर्ताओं में हर स्तर यही बात हो रही है कि इस प्रकरण से पार्टी ने अपना जनाधार खो दिया है। इस प्रकरण से खुद उन्हें भी धक्का लगा है। लोग उन पर हंस रहे हैं।

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