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पूर्वी नगर निगम की बैठक में पार्षदों के बीच जूतमपैजार का मामला पहुंचा पुलिस थाने

नेता सदन प्रवेश शर्मा की तरफ से दी गई शिकायत कहा गया है कि नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने एजेंडा फाड़ने के साथ पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह और स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह व उनके साथ हाथापाई की।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 07:07 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 01:49 PM (IST)
सदन की बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने किया जमकर हंगामा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्वी निगम के सदन की बैठक सोमवार को मर्यादा तार-तार हो गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने पहले तो जमकर हंगामा काटा। इसके बाद हाथापाई पर उतर आए। इतना ही नहीं, हाथापाई के दौरान ही चप्पल और जूते तक चलाए गए। महापौर निर्मल जैन की अपील का कोई असर नहीं हो रहा था। इसे देखते हुए महापौर ने नेता विपक्ष मनोज त्यागी, आप पार्षद मोहिनी जीनवाल को 15 दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया। इसके बाद भी हंगामा नहीं थमा। आप पार्षद गीता रावत महापौर के आसन पर पहुंच गईं और नारेबाजी करने लगीं।

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इस पर महापौर ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी कर दिया है। हंगामे के दौरान ही निगम में लाए गए कई प्रस्तावों को बिना चर्चा पास कर दिया गया।

दोनों पक्षों ने थाने में दी शिकायत

सदन के अंदर हुई घटना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से पटपड़गंज थाने में शिकायत दी गई है। नेता सदन प्रवेश शर्मा की तरफ से दी गई शिकायत कहा गया है कि नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने एजेंडा फाड़ने के साथ पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह और स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह व उनके साथ हाथापाई की। वहीं पार्षद मोहिनी जीनवाल ने हाथ में चप्पल लेकर भाजपा पार्षदों के साथ बदसलूकी की और धमकी दी।

वहीं मनोज त्यागी की तरफ से भी शिकायत दी गई है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बिपिन बिहारी सिंह ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। बीच-बचाव करने पर पार्षद संतोष पाल और कन्हैया लाल ने गीता रावत के साथ धक्का-मुक्की की और अपशब्दों का प्रयोग किया। वहीं मोहिनी जीवनाल को थप्पड़ मारने के साथ-साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।

ऐसे शुरू हुआ हंगामा
सोमवार को सदन की बैठक की शुरुआत नेता सदन प्रवेश शर्मा ने एक पार्षद के स्वजन के निधन पर शोक प्रस्ताव से की। जब वह प्रस्ताव पढ़ रहे थे तभी नेता विपक्ष सिंघू बार्डर पर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों पर शोक प्रस्ताव रखने लगे। वह उत्तरी निगम में ढाई हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले पर चर्चा की मांग करने लगे। इस पर महापौर ने कहा कि यह पूर्वी निगम के सदन का विषय नहीं है और आप राजनीति कर रहे हैं। इसके बाद विपक्ष के पार्षद भड़क गए और हंगामा करने लगे।

आप के पार्षद उत्तरी निगम में ढाई हजार करोड़ रुपये के घोटाले का प्ले कार्ड लहराने लगे और महापौर के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। विरोध में भाजपा के पार्षद भी बकाया फंड को लेकर दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के पार्षद महापौर की वेल में आकर हंगामा करने लगे। महापौर ने दोनों पक्षों के पार्षदों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने की अपील की। लेकिन अपील का असर नहीं हुआ। हंगामे के दौरान महापौर के निर्देश पर नेता सदन ने बैठक के लिए लाए गए एजेंडा और प्रस्तावों को पढ़ना शुरू किया। इसी दौरान नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने नेता सदन के साथ बैठे पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह के हाथ से एजेंडा की कॉपी छीनकर फाड़ने लगे। बिपिन बिहारी सिंह सहित अन्य पार्षद आक्रामक हो गए।

इसके बाद आप के पार्षद भी वेल में पहुंच गए। दोनों तरफ से हाथापाई शुरू हो गई। गाली-गलौज भी होती रही। इस दौरान आप पार्षद मोहिनी जीनवाल ने चप्पल और भाजपा पार्षद नीतू त्रिपाठी ने अपना जूता निकालकर चलाना शुरू कर दिया। नेता सदन प्रवेश शर्मा ने बीच-बचाव की कोशिश की। इस पर महापौर ने मनोज त्यागी और मोहिनी जीवनवाल को निलंबित कर दिया। हंगामे के बीच ही कई प्रस्ताव पास कर दिए गए। इसके साथ बैठक स्थगित कर दी गई।

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