Move to Jagran APP

एक साल पहले आज के दिन ही लालकिले पर हुई थी देश को शर्मसार करने वाली घटना

Lal Qila Violence दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में बताया गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर उपद्रवी न केवल ऐतिहासिक स्मारक पर कब्जा कर उस पर निशान साहिब का झंडा फहराना चाहते थे बल्कि नए कृषि कानूनों के विरोध में इसे नया प्रदर्शन स्थल भी बनाना चाहते थे।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 09:38 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 09:38 AM (IST)
एक साल पहले आज के दिन ही लालकिले पर हुई थी देश को शर्मसार करने वाली घटना
एक साल पहले आज के दिन ही लालकिले पर हुई थी देश को शर्मसार करने वाली घटना

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पिछले साल आज के दिन ही लाल किला के प्राचीर पर उपद्रवियों ने अपना झंडा फहराकर देश को शर्मसार कर दिया था। ट्रैक्टर परेड की आड़ में हजारों की संख्या में दिल्ली में घुसकर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा जमकर उपद्रव मचाया था। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में बताया गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर उपद्रवी न केवल ऐतिहासिक स्मारक पर कब्जा कर उस पर निशान साहिब का झंडा फहराना चाहते थे बल्कि नए कृषि कानूनों के विरोध में इसे नया प्रदर्शन स्थल भी बनाना चाहते थे।

loksabha election banner

देश को शर्मसार करने वाली इस हरकत की योजना साल 2020 के नवंबर-दिसंबर में ही किसान नेताओं के बनाई थी। भीड़ जुटाने के लिए किसान नेताओं ने युवाओं को पैसों का लालच दिया था। इतना ही नहीं पंजाब और हरियाणा में भारी संख्या में ट्रैक्टर भी खरीदे गए थे। आरोपपत्र के मुताबिक उपद्रवियों ने जानबूझकर गणतंत्र दिवस चुना था ताकि उस दिन लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराकर देश के लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमान का सामना करवाया जा सके।

आरोपित इकबाल सिंह ने बताया था कि लालकिले की प्राचीर पर निशान साहिब फहराने में सफल होने पर खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फार जस्टिस ने उसे पैसे देने का वादा किया था। भीड़ को आरोपित दीप सिद्धू ने भड़काने का काम किया था। वह बोल रहा था कि वह अच्छी तरह से जानता है कि ट्रैक्टर रैली तय रूट पर नहीं बल्कि लाल किले में जाएगी।

कई किसान संगठनों के नेता भी वीडियो में बोल रहे थे कि ट्रैक्टर रैली उस रूट पर नहीं जाएगी जिस पर सहमति हुई है। दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में यह भी कहा था कि हरियाणा और पंजाब में पिछले आंकड़ों की तुलना में 2020 में ट्रैक्टर की खरीद बढ़ गई थी। 2020 के नंवबर, दिसंबर और जनवरी में पंजाब और हरियाणा में योजना बनाकर भारी संख्या ट्रैक्टर खरीदे गए थे। ट्रैक्टरों की खरीद में पैसा कहां से आया उसकी पुलिस जांच कर रही थी। किसान नेता ट्रैक्टर परेड से पहले कई वीडियो में यह कहते पाए गए थे कि ट्रैक्टर से पुलिस बैरिकेड को तोड़ना है। इसलिए ट्रैक्टरों के आगे लोहे के मजबूत बंपर लगाए गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.