दिल्ली में ओमिक्रोन से हुई मौतों में सामने आई एक खास बात, डॉक्टरों ने कहा हल्के में लेकर नजरअंदाज न करें
टीका संक्रमण रोकने में ज्यादा सक्षम नहीं है लेकिन टीका गंभीर बीमारी से बचाव कर रहा है। इस वजह से अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत कम पड़ रही है और मौतों को कम करने में मदद मिली है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में ओमिक्रोन के मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन संक्रमण दर में खास गिरावट नहीं आई है। इसलिए ये मान लेना सही नहीं है कि कोरोना का खतरा टल रहा है। हां, यह बात जरूर है कि ओमिक्रोन के संक्रमण से ज्यादातर लोगों को हल्की बीमारी ही हो रही है। इसके बावजूद पिछले करीब पांच माह की तुलना में हाल के दिनों में कोरोना से मौतें अधिक हुई हैं। इसलिए इसे बहुत हल्के में लेकर नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।
टीका नहीं लेने वाले बुजुर्गो को ज्यादा दिक्कतें
मौजूदा समय में हर जगह से यही डाटा आ रहा है कि ओमिक्रोन के संक्रमण से जो लोग अस्पताल व आइसीयू में भर्ती हो रहे हैं, जो वेंटिलेटर सपोर्ट पर जा रहे हैं और जिन मरीजों की मौत हुई, उनमें ज्यादातर लोगों को टीका नहीं लगा है। दिल्ली में यह बात सामने आई है कि हाल के दिनों में कोरोना से मरने वालों में करीब 74 प्रतिशत ऐसे मरीज थे जिनको टीका नहीं लगा था। मृतकों में बड़ी संख्या बुजुर्गों की रही।
टीका संक्रमण रोकने में ज्यादा सक्षम नहीं है लेकिन टीका गंभीर बीमारी से बचाव कर रहा है। इस वजह से अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने की जरूरत कम पड़ रही है और मौतों को कम करने में मदद मिली है। इसलिए जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है वे तुरंत टीका लगवा लें, ताकि वे खुद को भविष्य के लिए सुरक्षित कर सकें।
हर जगह उपलब्ध है टीका
टीका इस समय हर जगह बहुत आसानी से उपलब्ध है। अस्पताल, डिस्पेंसरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नर्सिग होम व निजी अस्पताल हर जगह कोरोना का टीका लग रहा है। अपनी सुविधा के अनुसार लोग सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्र में जाकर टीका लगवा सकते हैं। यह समझना जरूरी है कि केंद्र व राज्य सरकार अपने स्वास्थ्य की बात नहीं कह रही हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए टीका लगवाने की बात कह रही हैं।
फिर भी यदि किसी ने टीका नहीं लिया है तो कहीं न कहीं कमियां हमारे अंदर भी हैं। अब पुलिस को घर भेजकर तो किसी को टीका लगाया नहीं जा सकता। टीका लेना हर व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है। सरकार ने घर-घर टीकाकरण के लिए हर घर दस्तक अभियान भी चलाया। इसके बावजूद भी यदि कोई टीका नहीं लेता है तो यह लोगों की लापरवाही है।
अधिक उम्रदराज वालों के लिए और सतर्क होना होगा
एक तरफ दिल्ली की कुल जनसंख्या के अनुसार 18 साल से अधिक उम्र की करीब सौ प्रतिशत आबादी को टीके की कम से कम एक डोज व 80 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। ऐसे में यह आंकड़ा हैरान करने वाले वाला है कि करीब एक तिहाई बुजुर्गो का टीकाकरण क्यों नहीं हुआ। यह एक समस्या हो सकती है कि अधिक उम्र वाले बुजुर्ग अकेले टीकाकरण केंद्र पर ना जा पाएं।
इसलिए परिवार का कोई सदस्य उन्हें अपने साथ टीकाकरण केंद्र पर ले जाकर टीका लगवाए क्योंकि कोरोना से बुजुर्गों व पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को खतरा अधिक होता है। बुजुर्गों को अक्सर ब्लड प्रेशर, सांस की परेशानी, किडनी की बीमारी सहित कई अन्य रोग हो सकते हैं। इसलिए बुजुर्गों का टीकाकरण सुनिश्चित होना जरूरी है।
(डा.अरविंद कुमार, संस्थापक, लंग केयर फाउंडेशन)
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