चंडीगढ़ की छात्रा के खत पर एक्शन में PM मोदी, राजघाट से हटाए 100 कर्मचारी
हश्मिता ने पत्र लिखा और उस पर पते की जगह महज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नई दिल्ली लिखा। बावजूद इसके पत्र पीएमओ जा पहुंचा।
नई दिल्ली (आशुतोष झा)। राजघाट पर काम कर रहे कर्मचारियों की करतूत पर आज शायद बापू यानी महात्मा गांधी भी शर्मिदा होंगे। राष्ट्रपिता की समाधि पर उन्हें नमन करने के लिए आने वाले विदेशी सैलानियों से वहां के कर्मचारी ही अवैध वसूली कर रहे थे। वह भी जूतों के रखरखाव के नाम पर। पटियाला की सातवीं कक्षा की छात्रा हश्मिता (13) ने यह सब अपनी आंखों से देखा और पीएम मोदी को पत्र लिखा। इस पर राजघाट के सौ से ज्यादा कर्मचारियों को हटा दिया गया।
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले की जांच भी शुरू करा दी है। शनिवार को भी एक अधिकारी ने राजघाट पर पूछताछ भी की। पिछले दिनों दिल्ली घूमने आईं पटियाला के सनौर कस्बा की हश्मिता राजघाट गईं तो वहां जूते-चप्पल रखने के एक सशुल्क और एक नि:शुल्क काउंटर मिले। सशुल्क पर मात्र एक रुपये का शुल्क था, लेकिन काउंटर के कर्मचारी विदेशी पर्यटकों से 100 रुपये वसूल रहे थे।
पटियाला लौट कर भी हश्मिता को यह बात परेशान करती रही। फिर उसके मन में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की बात आई। उसने पत्र लिखा और उस पर पते की जगह महज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नई दिल्ली लिखा। पत्र पीएमओ जा पहुंचा।
पत्र मिलते ही पीएम मोदी ने राजघाट समाधि समिति को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। इस पर वहां के सौ से अधिक कर्मचारियों को पिछले दिनों हटा दिया गया।
राजघाट स्थित गांधी स्मृति दर्शन समिति के प्रशासनिक अधिकारी एसए जमाल ने आदेश जारी कर सभी अधिकारी व कर्मचारियों को जिम्मेदारी से काम करने की हिदायत भी दी है।