Move to Jagran APP

Bike Bot Scam: गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के 6 और निदेशक गिरफ्तार

दादरी की जीआइपीएल कंपनी ने बाइक बोट स्कीम के नाम पर करीब 42 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है। मुख्य आरोपित संजय भाटी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोप है कि देशभर के लोगों से 42 हजार करोड़ रुपये की ठगी की गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 02:09 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 02:09 PM (IST)
Bike Bot Scam:  गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के 6 और निदेशक गिरफ्तार
दिल्ली से सटे नोएडा में हुआ था बाइक बोट स्कैम।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआइपीएल) के छह और निदेशकों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान उत्तर प्रदेश के मेरठ के अहमदपुर निवासी विजय पाल, मेरठ के मवाना निवासी विनोद कुमार व विशाल कुमार, मेरठ के मोदीपुरम निवासी संजय गोयल, पंजाब के जालंधर निवासी राजेश सिंह यादव व हरेश कुमार के रूप में हुई है। ईओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि ये सभी आरोपित घोटाले से जुड़े अन्य मामले में गौतमबुद्ध नगर की जेल में बंद थे। अदालत की अनुमति के बाद ईओडब्ल्यू ने इन्हें हिरासत में लिया है। दादरी की जीआइपीएल कंपनी ने बाइक बोट स्कीम के नाम पर करीब 42 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया है। मुख्य आरोपित संजय भाटी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। आरोप है कि देशभर के लोगों से 42 हजार करोड़ रुपये की ठगी की गई है।

loksabha election banner

दरअसल, कंपनी ने वर्ष 2019 में हाई रिटर्न का दावा करके विभिन्न राज्यों के हजारों लोगों से प्रति व्यक्ति 62 हजार रुपये का निवेश करवाया। कंपनी का दावा था कि 62 हजार रुपये निवेश करने पर एक साल तक प्रतिमाह 9500 रुपये मिलेंगे। वहीं, बाद में इलेक्ट्रिक बाइक की स्कीम भी लांच कर दी और कहा कि 1.24 लाख रुपये का निवेश करने पर एक साल तक 17 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। अच्छे रिटर्न के लालच में हजारों लोगों ने कंपनी में निवेश किया। विश्वास जीतने के लिए कंपनी ने कुछ माह तक पैसे वापस दिए, इसके बाद कंपनी बंद कर दी।

इसके बाद कई राज्यों में पीड़ितों ने मामले दर्ज कराए हैं।दिल्ली के करीब आठ हजार लोगों ने भी इस मामले में शिकायत की है जिनसे करीब 250 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।

जांच एजेंसी ने आरबीआइ के साथ ही आइडीबीआइ बैंक की यमुना बैंक शाखा, आइसीआइसीआइ बैंक की मेरठ व खुर्जा शाखा, नोबल कोऑपरेटिव बैंक की नोएडा शाखा से भी जीआइपीएल के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि जीआइपीएल एनबीएफसी के रूप में आरबीआइ में पंजीकृत नहीं है यानी वह जनता से सीधे धन लेने के लिए अधिकृत नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय, लखनऊ जोन भी इस मामले की जांच कर रहा है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.