फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर कॉल सेंटर पर मारा छापा, खुली पोल तो हैरान रह गई पुलिस
आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि स्पेशल 26 फिल्म देखकर वह उससे प्रभावित हुए और उसके बाद उन्होंने फिल्म की तरह की लोगों को लूटने का साजिश की। आरोपितों में मुदासिर नजीर खुद एसीपी और रघुवेंद्र इंस्पेक्टर और बाकी लोग उनकी टीम के रूप में काम करते थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वसंत कुंज थाना पुलिस ने एक काल सेंटर में डकैती डालने वाले छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने बहुचर्चित फिल्म स्पेशल 26 से प्रभावित होकर गिरोह बनाया था और कालसेंटरों में पुलिसकर्मी बनकर लूट करते थे। आरोपितों ने घिटोरनी गांव में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी बनकर एक काल सेंटर में डकैती डाली और फरार हो गए। लेकिन, जांच के बाद वसंतकुंज साऊथ थाना पुलिस ने सभी छह दोस्तों को दबोच लिया।
आरोपितों सौरभ, रघुवेंद्र, मंजीत कुमार, सुमित कुमार, संजय कुमार और मुदासिर नजीर के पास से तीन लैपटाप, तीन महंगी घड़ी, एक आइपैड, एक कैमरा बरामद हुए हैं। सभी आरोपित दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं।
बता दें कि एक दिन पहले भी बाहरी दिल्ली के सुभाष प्लेस इलाके में स्पेशल-26 की तर्ज पर इसी तरह एक अन्य गिरोह ने नकली सीबीआइ अधिकारी बनकर एक डाक्टर के घर आरोपितों ने छापा मारा था। डाक्टर के घर से नकदी व गहने समेटकर सभी तीनों आरोपित भागने ही वाले थे तभी दबोच लिए गए।
दक्षिण पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि 15 मार्च की रात को घिटोरनी गांव में काल सेंटर में डकैती डालने का मामला सामने आया। कॉल सेंटर के मालिक सुशांत राज ने अपनी शिकायत में बताया कि चार लोग एक गाड़ी में आए और उन्होंने देखा कि काल सेंटर में काम नहीं चल रहा है और कोई उपलब्ध नहीं था। उन्होंने गेट तोड़ दिया और काल सेंटर के अंदर आ गए।
आरोपितों ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी को जमकर पीटा और बंधक बना लिया। आरोपितों ने काल सेंटर दूसरा गेट तोड़ा और वहां से सामान लूट लिया। घटना के दौरान इमारत के मालिक भी जाग गए तो आरोपितों ने उन्हें खुद को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी बताया और वहां से फरार हो गए।
इंस्पेक्टर अजय कुमार नेगी, एसआइ मुकेश, एएसआई रामनिवास की टीम ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि लाकडाउन के बाद से यह काल सेंटर तो बंद था, लेकिन इसकी एक और शाखा नोएडा में भी है। वहां पर लोगों का साक्षात्कार हो रहा था। इस पर पुलिस ने साक्षात्कार देने वालों के बारे में जुटाई तो पता चला कि सुमित नाम के जिस शख्स ने साक्षात्कार दिया है उसका मोबाइल वारदात वाली रात को घटनास्थल वाली जगह पर एक्टिव था। जांच में यह भी सामने आया कि सुमित पीड़ित का पुराना दोस्त है और उसे पहले से जानता था।
पुलिस अधिकारी बनकर करते थे ठगी
आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि स्पेशल 26 फिल्म देखकर वह उससे प्रभावित हुए और उसके बाद उन्होंने फिल्म की तरह की लोगों को लूटने का साजिश की। आरोपितों में मुदासिर नजीर खुद एसीपी और रघुवेंद्र इंस्पेक्टर और बाकी लोग उनकी टीम के रूप में काम करते थे।