नई आबकारी नीति के तहत पंजीकृत हुए 428 शराब के ब्रांड, दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दाखिल किया जवाब
एक नवंबर 2021 से लाइसेंस शुल्क लगाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओ पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि 428 शराब के ब्रांड को नई आबकारी नीति के तहत पंजीकृत किया जा चुका है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। एक नवंबर 2021 से लाइसेंस शुल्क लगाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओ पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि 428 शराब के ब्रांड को नई आबकारी नीति के तहत पंजीकृत किया जा चुका है। साथ ही इनकी एफआरपी भी तय की जा चुकी है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार ने कहा fक नीति के तहत अब बड़ी संख्या में ब्रांड पंजीकृत किए गए हैं और लाइसेंस शुल्क न देने वाले विक्रेताओं पर दंडात्मक कार्रवाई न करने का कोई कारण नहीं है। मामले पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने सुनवाई तब सात दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी, जब अदालत ने नोट किया कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल किया गया दस्तावेज रिकार्ड पर नहीं है। हालांकि, पीठ ने कहा कि इस बीच याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए।
खुदरा शराब की दुकानों के संचालन के लिए लाइसेंस की सफल बोली लगाने वाले 16 याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर कर लाइसेंस लगाने के दिल्ली सरकार के एक नवंबर 2021 के फैसले को अवैध घोषित करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने निविदा के तहत अपने स्वयं के दायित्वों को पूरा नहीं तक सरकार को लाइसेंस शुल्क या सिक्योरिटी डिपाजिट के रूप में धन की मांग करने से रोकने और अधिकारियों को सफल बोलीदाताओं से लाइसेंस शुल्क नहीं लगाने का निर्देश देने की भी मांग की है।