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भोंडसी जेल से बंदी फरार मामले में हर स्तर हर हुई लापरवाही, चार निलंबित

जांच में सभी की लापरवाही साबित होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई। इधर, गुरुग्राम पुलिस द्वारा फरार आरोपित अमित की गिरफ्तारी के लिए दो टीम गठित कर दी गई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:43 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 07:43 PM (IST)
भोंडसी जेल से बंदी फरार मामले में हर स्तर हर हुई लापरवाही, चार निलंबित
भोंडसी जेल से बंदी फरार मामले में हर स्तर हर हुई लापरवाही, चार निलंबित

गुरुग्राम (जेएनएन)। कूड़े की गाड़ी में बैठकर शुक्रवार दोपहर भोंडसी जेल से एक बंदी के फरार होने के मामले में चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी के खिलाफ जेल उपाधीक्षक ने लापरवाही बरते जाने का मामला दर्ज कराया था। जांच में सभी की लापरवाही साबित होने पर निलंबन की कार्रवाई की गई। इधर, गुरुग्राम पुलिस द्वारा फरार आरोपित अमित की गिरफ्तारी के लिए दो टीम गठित कर दी गई है।

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शाम में कैदियों एवं बंदियों की गिनती के दौरान प्रशासन को इसकी जानकारी हुई। रविवार को अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक हरीश रंगा ने जेल का दौरा कर सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा की। साथ ही बंदी के फरार होने के मामले में आरोपित बैरक प्रभारी कुलदीप सिंह, चक्कर प्रभारी आजाद सिंह, ड्योढी प्रभारी रोहताश, वार्डन नादान के बयान दर्ज किए। इसके बाद सभी को निलंबित कर दिया गया।

सफाईकर्मी वेदप्रकाश एवं ओमपाल के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। सोहना एवं भोंडसी थाना पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी आरोपित की तलाश में जुटी रही, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई सुराग हासिल नहीं हो पाया था।

बंदी की फरारी से भोंडसी जेल की सुरक्षा पर सवाल

भोंडसी जेल से बंदी अमित की फरारी ने जेल की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल अधीक्षक से लेकर आला अधिकारी सकते में हैं कि आखिर सुरक्षा में इतना बड़ा छेद कैसे हो गया। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि सीसीटीवी और कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल प्रशासन को एक बजे से फरार बंदी का शाम तक पता ही नहीं लग पाया।

भोंडसी जेल प्रदेश में सबसे अधिक संवेदनशील

भोंडसी जेल को प्रदेश की जेलों में सबसे संवेदनशील व सुरक्षित माना जाता है। उत्तर प्रदेश (बागपत) में जेल के अंदर गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या के बाद वहां के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह, पूर्व आइजी हरिशंकर सिंह व आइजी जेल डॉ. शरद की तीन सदस्यीय टीम ने भोंडसी जेल का दौरा किया और यहां की सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ की थी। अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की जेलों में भी इसे लागू करवाने की सिफारिश की थी। जेल अधीक्षक जेके छिल्लर ने भी जेल में कैदी तक पहुंचने के लिए छह सुरक्षा घेरे दिखाए थे, लेकिन बंदी अमित के सामने पूरी सुरक्षा व्यवस्था फेल हो गई।

खुफिया टीम भी फेल

सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने व कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल के सुरक्षा इंचार्ज उपाधीक्षक साजिद खान ने परिसर में खुफिया टीम छोड़ रखी है। इसे क्यूआरटी (क्विक रेसपॉन्स टीम) भी कहा जाता है। इसमें राजकुमार, सोनू व सुरेश वार्डन शामिल हैं। टीम जेल में कैदियों पर निगरानी रखती है। कोई भी आहट होने पर ये अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करते हैं। सवाल है कि कूड़े की ट्राली जेल में अंदर गई और कूड़ा भरने के बाद बंदी अमित उसमें सवार हो गया तो टीम के सदस्यों की नजर अमित पर क्यों नहीं पड़ी।

बुर्ज 2 और 3 पर तैनात वार्डन क्या कर रहे थे

बाहरी सुरक्षा के लिए जेल की दीवारों पर चारों तरफ सुरक्षा बुर्ज हैं। इन पर सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं ताकि जेल की दीवार के आसपास होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। जेल की दीवार के पास ही कूड़ा डालने का स्थान निर्धारित है। बुर्ज नंबर 2 व 3 के बीच में ट्राली से कूड़ा खाली किया गया। वहां से जेल की दीवार के साथ ही अमित जंगल की तरफ निकल गया। जेल की दीवार के साथ-साथ उसको जाते हुए बुर्ज पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने भी नहीं देखा।

लापरवाही से बदनाम रही है जेल

जेल में कैदियों को मोबाइल पहुंचाने व मादक द्रव्य पदार्थ सप्लाई कराने में कई जेलकर्मी पकड़े जा चुके हैं। एक महिला वार्डन का नाम तो एक उच्चाधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखकर महानिदेशक को सौंपा था। पिछले साल उत्तर प्रदेश के ही एक गैंगस्टर व उसकी पत्नी की जेल में नियमों के खिलाफ जाकर अंधेरे में मुलाकात कराने का मामला भी काफी गर्म रहा था। जेल के एक अधिकारी का नाम उस मामले में आया था। आइजी (जेल) जगजीत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारी को दोषी भी ठहराया था लेकिन एक महिला वार्डन व एक सहायक को निलंबित करके खानापूर्ति कर दी गई। उस अधिकारी को पुलिस महानिदेशक ने जेल मुख्यालय पर रिपोर्ट करने के आदेश जारी कर दिए। एक उपाधीक्षक को भी लापरवाही बरतने पर मुख्यालय बुला लिया गया था।

लापरवाही या साजिश

जेल महानिदेशक के. साल्वराज ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भोंडसी थाना पुलिस भी पूरी गहनता से जुटी है। विशेषज्ञों की टीम सीसीटीवी फुटेज बारीकी से जांच रही है। सफाई कर्मियों पर विशेष नजर है। उनके मोबाइल के कॉल डिटेल भी देखी जाएगी। बंदी अमित की फरारी में केवल जेल प्रशासन की लापरवाही है या कोई साजिश, इसका पर्दाफाश जांच के बाद ही हो पाएगा।


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