कुतुब मीनार से दोगुना ऊंची होगी 39 मंजिला ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, जानें खासियत
दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के नजदीक दो हेक्टेयर जमीन पर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के 145.30 मीटर ऊंचाई के तीन टाॅवर बनाए जाएंगे। यह 39 मंजिला होगी।
नई दिल्ली [ निहाल सिंह]। दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के नजदीक दिल्ली की सबसे ऊंची रिहायशी टॉवर बनने का रास्ता साफ हो गया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इस ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के ले-आउट प्लान को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के नजदीक दो हेक्टेयर जमीन पर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के 145.30 मीटर ऊंचाई के तीन टाॅवर बनाए जाएंगे। यह 39 मंजिला होगी। जो रिहायश के लिए उपयोग में होगी।
इसके बनने के बाद यह विश्वविद्यालय की सबसे प्राइम लोकेशन पर ग्रुुप हाउसिंग सोसाइटी हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि उत्तरी निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर को दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत कहा जाता हैं। यह 28 मंजिल का है और इसकी ऊंचाई 101 मीटर है। जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर ही है। जबकि निगम ने इस टॉवर 145.30 मीटर ऊंचाई तक बनाने की इजाजत दे दी।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने बताया कि यह जगह दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के पास थी। उसने निजी बिल्डर को यह नीलामी में बेच दिया। मास्टर प्लान और भवन निर्माण के नियमों में बदलाव के बाद निगम के पास इसका संशोधित लेआउट प्लान को मंजूरी देने का आवेदन आया था। स्थायी समिति ने जिसे शर्तों के साथ मंजूरी दी है।
शर्त यह कि निर्माण से पहले इसके लिए बिल्डर को नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) व हाई कोर्ट से भी अनापत्ति लेनी होगी। निगम ने इस जगह पर 200 फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) की मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुसार 145.30 मीटर के तक के तीन टॉवर बनाए जाएंगे। साथ ही खेल से लेकर मनोरंजन की सुविधाएं भी यहां होंगी। इतना ही नहीं पार्किंग की सुविधा भी होगी।
आप ने किया विरोध
स्थायी समिति के सदस्य विक्की गुप्ता ने प्लाट को 200 एफएआर दिए जाने का विरोध किया है। गुप्ता ने स्थायी समिति में कहा कि यह बंग्लो जोन हैं ऐसे में यहां के सभी प्लाट पर 75 एफएआर की ही मंजूरी दी जा सकती है। निगम ने गैर कानूनी तरीके से 200 एफएआर दिया हैं। इसका वह कानूनी रूप से विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी बिल्डर के द्वारा निर्माण करने पर कोई आपत्ति नहीं हैं।
उनका उद्देश्य कानून के मुताबिक कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संपत्ति सिविल लाइंस जोन के तहत हैं और यह बंग्लो जोन में आती हैं। जहां पर 75 एफएआर से ज्यादा नहीं दिया जा सकता है। गुप्ता के साथ आप पार्षद अजय शर्मा और रविंद्र भारद्वाज ने भी इसे गलत तरीके से पास करने का आरोप लगाया है। हालांकि, छैल बिहारी गोस्वामी ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में निगम के पास 200 एफएआर देने का प्रावधान हैं। जो भी प्रस्ताव पारित किया गया है वह नियमों के मुताबिक हैं।
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