Move to Jagran APP

यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में दिखीं 30 प्रजातियों की तितलियां, जानिए प्रदूषण के बीच क्‍यों आ रही यहां

यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में पहली बार इंडियन स्किपर प्रजाति की तितली देखी गई। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के प्रभारी विज्ञानी डॉ. फैयाज खुदसर ने बताया कि पार्क बनने के बाद पहली बार इस प्रजाति की तितली देखने को मिली है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 03:59 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 04:17 PM (IST)
यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में दिखीं 30 प्रजातियों की तितलियां, जानिए प्रदूषण के बीच क्‍यों आ रही यहां
फूलों पर बैठी तितली की फोटो- पीटीआइ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्‍ली में तितलियों की मौजूदगी ने लोगों के चेहरे पर मुस्‍कान ला दी है। लॉकडाउन के बाद बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्‍ली में तितलियों की 30 प्रकार की प्रजातियों ने सभी को जहां खुश कर दिया है। वहीं जानकार बता रहे हैं कि यहां एक ऐसी प्रजाति मिली है जो आज तक यहां नहीं देखी गई है। हालांकि आप सोच रहे होंगे कि आखिर बढ़ते प्रदूषण के बीच तितलियां कैसे यहां आ रही हैं तो यहां आपको बता दें कि इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों एवं रिसर्चरों की पूरी टीम इस पर कई सालों से मेहनत कर रही थी जिसका नतीजा अब देखने का मिल रहा है।

loksabha election banner

पहली बार दिखी इंडियन स्किपर प्रजाति की तितली

बता दें कि यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में पहली बार इंडियन स्किपर प्रजाति की तितली देखी गई। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के प्रभारी विज्ञानी डॉ. फैयाज खुदसर ने बताया कि पार्क बनने के बाद पहली बार इस प्रजाति की तितली देखने को मिली है। उन्होंने बताया कि बांबे प्राकृतिक इतिहास सोसायटी की ओर से हर साल देशभर में तितलियों की गिनती की जाती है। इसी के तहत इस पार्क में पिछले सात दिनों से तितलियों की गिनती की जा रही थी और उनकी तस्वीरें ली जा रही थीं।

सात दिनों में दिखी 30 प्रजाति की तितलियां

इन सात दिनों में यहां 30 प्रजातियों की 342 तितलियां देखी गईं। इसके अलावा दिल्ली के अन्य पार्को में भी तितलियों की गिनती की गई। खुदसर ने बताया कि वजीराबाद गांव से लगा यह पार्क पहले बंजर था। इसे यमुना के बाढ़ क्षेत्र और अरावली पर्वत श्रृंखला के मिश्रण से बनाया गया है। ऐतिहासिक पारिस्थितिक तंत्रों को दोबारा से स्थापित किया गया है। इसी कारण तितलियां इस पार्क की ओर आती हैं। तितलियों को बचाने के लिए कंजर्वेटरी का निर्माण भी किया गया है।

विशेष पौधों पर अंडे देती हैं ये तितलियां

डॉ. फैयाज ने बताया कि पार्क का वातावरण तितलियों के अनुकुल बनाया गया है। अलग-अलग प्रजाति की तितलियां अलग-अगल विशेष पौधों पर ही अंडे देती हैं। जैसे लाइम बटरफ्लाइट केवल नींबू के पौधों पर ही अंडे देती हैं।

इन कारणों से है तितलियों की मौजूदगी

  • तितलियों को बचाने के लिए कंजर्वेटरी का निर्माण
  • ऐतिहासिक पारिस्थितिक तंत्रों को दोबारा से स्थापित करने से तितलियों के अनुकूल माहौल बनना
  • यमुना के बाढ़ क्षेत्र और अरावली के पर्वत श्रृंखला से बना महौल कर रहा तितलियों को आकर्षित

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.