Move to Jagran APP

सज्‍जन कुमार पर एक और केस में अब 22 जनवरी को होगी सुनवाई, बढ़ सकती हैं मुश्‍किलें

1984 के सिख विरोधी दंगे के एक और मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई है। इस केस में भी कांग्रेस के पूर्व नेता सज्‍जन कुमार आरोपित हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 06:46 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 10:48 AM (IST)
सज्‍जन कुमार पर एक और केस में अब 22 जनवरी को होगी सुनवाई, बढ़ सकती हैं मुश्‍किलें
सज्‍जन कुमार पर एक और केस में अब 22 जनवरी को होगी सुनवाई, बढ़ सकती हैं मुश्‍किलें

नई दिल्‍ली, जेएनएन। 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक और मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में बृहस्पतिवार को होने वाली सुनवाई सज्जन कुमार के वकील के नहीं आने के चलते टल गई है। अब इस मामले की सुनवाई 22 जनवरी को होगी। 

loksabha election banner

इस केस में भी कांग्रेस के पूर्व नेता सज्‍जन कुमार आरोपित हैं। बता दें कि सिख विरोधी दंगे में एक मामले में उन्‍हें पहले ही उम्रकैद की सजा मिली है। गुरुवार को जिस केस की सुनवाई है उस केस में सज्‍जन कुमार पर हत्‍या और दंगे भड़काने का आरोप है। यह केस भी सिख विरोधी दंगे से जुड़ा है। यह केस सीबीआइ के द्वारा नानावती आयोग की सिफारिश पर दर्ज किया गया था। इस केस में भी फैसले आने पर सज्‍जन कुमार की मुश्‍किलें बढ़ सकती हैं।

इससे पहले सिख दंगे के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 18 दिसंबर (सोमवार) को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार समेत चार लोगों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसी मामले में किशन खोखर और पूर्व विधायक महेंदर यादव को 10 साल जेल की सजा मिली है। सजा सुनाए जाने के बाद दोषी सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा। सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा देने के साथ दोषी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सज्जन कुमार को दंगा भड़काने और लूटपाट हत्या की साजिश के जुर्म में उम्रकैद की सजा दी है। कोर्ट ने कहा है कि सज्जन कुमार जीवित रहने तक कैद में रहेंगे। निचली अदालत ने उन्हें बरी किया था। कुमार को पहली बार हाईकोर्ट से सजा हुई है इसलिए उनके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का कानूनन हक है।

आपराधिक मामलों में सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के सुप्रीम कोर्ट रूल पर निगाह डालें तो सज्जन कुमार को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (एन्लार्जमेंट आफ क्रिमिनल अपीलाट ज्यूरीडिक्शन) एक्ट 1970 के तहत अपील करने का विधायी अधिकार है।

सिख विरोधी दंगा मामले की पैरवी पर बनी भ्रम की स्थिति
1984 सिख विरोधी दंगा मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी यशपाल सिंह को सुनाई गई फांसी की सजा के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान पैरवी करने को लेकर अदालत के समक्ष भ्रम की स्थिति बन गई। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अमन लेखी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उन्हें मामले में पैरवी करने के लिए अधिकृत किया है, जबकि दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने कहा कि राज्य की तरफ से पेश होने का अधिकार उनका है।

दोनों वकीलों के बीच जब पीठ के समक्ष नोक-झोंक होने लगी तो न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि अदालत में ऐसा मत कीजिए।

पीठ ने अमन लेखी से कहा कि आप अधिसूचना दिखाएं, जिसमें उन्हें इस मामले की पैरवी करने के लिए अधिकृत किया गया है। राहुल मेहरा राज्य के वकील हैं और आप राज्य की तरफ से पैरवी नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के फैसले को यशपाल सिंह ने चुनौती दी है। उसने निचली अदालत के फैसले को रद करने की मांग की है। जमानत याचिका भी दायर की है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की रिपोर्ट के आधार पर पटियाला हाउस कोर्ट ने गत दिनों उसे फांसी की सुनाई थी। मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी 2019 को होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.