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2012 Delhi Nirbhaya case: फांसी को लेकर बढ़ी हलचल, पवन को मंडोली से लाया गया तिहाड़ जेल

तिहाड़ जेल प्रशासन पश्चिम बंगाल के अलीपुर स्थित सेंट्रल जेल से संपर्क करने की तैयारी में है। इसी जेल में धनंजय चटर्जी को फांसी के फंदे पर लटकाने का कार्य जल्लाद ने किया था।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 10:57 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 02:24 PM (IST)
2012 Delhi Nirbhaya case: फांसी को लेकर बढ़ी हलचल, पवन को मंडोली से लाया गया तिहाड़ जेल
2012 Delhi Nirbhaya case: फांसी को लेकर बढ़ी हलचल, पवन को मंडोली से लाया गया तिहाड़ जेल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की विभिन्न जेलों में बंद 17 कैदी जिन्हें फांसी की सजा मिली हुई है, उनके माथे पर चिंता की लकीरें अब नजर आने लगी हैं। जेल सूत्रों के अनुसार, प्रशासन फांसी की सजा को अमलीजामा पहनाने वाले जल्लाद की खोजबीन में जुटा हुआ है।

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जेल सूत्रों की मानें तो तिहाड़ जेल प्रशासन पश्चिम बंगाल के अलीपुर स्थित सेंट्रल जेल से संपर्क करने की तैयारी में है। इसी जेल में धनंजय चटर्जी को फांसी के फंदे पर लटकाने का कार्य जल्लाद ने किया था। धनंजय ही वह शख्स था, जिसे दुष्कर्म के मामले में देश में आखिरी बार फांसी दी गई थी।

गौरतलब है कि धनंजय के बाद भी कई लोगों को फांसी पर लटकाया गया, लेकिन फंदे पर लटकाने का काम किसी जल्लाद ने नहीं किया, बल्कि जेल के कर्मचारी ने इस काम को अंजाम दिया। धनंजय के बाद 2012 में आतंकी कसाब को महाराष्ट्र के पुणे स्थित यरवडा जेल में फांसी पर लटकाने का कार्य जेल में कार्यरत कांस्टेबल ने किया था।

इसके अगले ही वर्ष तिहाड़ जेल में आतंकी अफजल को फांसी दी गई, लेकिन यहां भी जेल कर्मचारी ने ही उसे फंदे पर लटकाया। इसके बाद देश में आखिरी बार जिस कैदी को फांसी दी गई, वह मुंबई बम धमाके का दोषी याकूब मेमन था। उसे 2015 में महाराष्ट्र के नागपुर सेंट्रल जेल में कांस्टेबल ने फांसी दी थी। जेल अधिकारियों का कहना है कि जल्लाद के इंतजाम की कोशिश की जाएगी, लेकिन जल्लाद का इंतजाम न भी हो तो इससे फांसी से जुड़ी प्रक्रिया में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा।

पवन को लाया गया तिहाड़

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिन चार कैदियों को फांसी की सजा मिली हुई है, उनमें से एक पवन अब तक दिल्ली के मंडोली जेल में बंद था।

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