Move to Jagran APP

नगर निगम के एक फैसले से दिल्ली के 10 लाख खुदरा व थोक व्यापारी परेशान, जानिए कारण

व्यापारियों के मुताबिक एक तो कोरोना व लाकडाउन के चलते लगातार 16 माह से दिल्ली का कारोबार अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। उसमें उत्‍तरी नगर निगम ने लाइसेंस शुल्क में भारी भरकम बढ़ोत्तरी कर उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 02:55 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 02:55 PM (IST)
विराेध-प्रदर्शन हुआ प्रारंभ, कश्मीरी गेट स्थित नगर निगम के जोन दफ्तर का व्यापारियों ने किया घेराव।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। व्यापार लाइसेंस शुल्क में 17 गुना की बढ़ोत्तरी मामले में भाजपा शासित नगर निगम के नेताओं और अधिकारियों का टालमटोल वाला रवैया व्यापारियों को नागवार गुजर रहा है। इस बीच, उत्तरी नगर निगम का निजाम भी परिवर्तित हो गया, पर इस विवाद का हल नहीं निकल सका है। निवर्तमान महापौर जय प्रकाश ने इस समस्या का जल्द हल निकालने का आश्वासन दिया था। तब व्यापारी आश्वस्त थे, लेकिन इसे लेकर कोई लिखित आदेश जारी न होने तथा अधिकारियों द्वारा नई दर पर लाइसेंस शुल्क वसुलने की बात कहने से व्यापारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

loksabha election banner

व्यापारियों के मुताबिक एक तो कोरोना व लाकडाउन के चलते लगातार 16 माह से दिल्ली का कारोबार अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। उसमें उत्‍तरी नगर निगम ने लाइसेंस शुल्क में भारी भरकम बढ़ोत्तरी कर उनके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। यह स्थिति तब है जब अगले वर्ष नगर निगम का चुनाव भी होना है और इस बढ़ोत्तरी से प्रभावित हो रहे तकरीबन 10 लाख खुदरा व थोक व्यापारी मतदाता भी हैं।

ऐसे में इस मुद्​दे को लेकर व्यापारियों को सााधने का प्रयास भी तेज हो गया है। नगर निगम में विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस पार्टी के व्यापारी नेता इस मुद्​दे को जाेरशोर से उठा रहे हैं। शुक्रवार को इसे लेकर कश्मीरी गेट स्थित नगर निगम के सिटी-पहाड़गंज जोन कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी हुआ। इसका नेतृत्व चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने किया, उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर उनके साथ व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को उत्तरी नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल से मिला था।

बातचीत में आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि शुल्क बढ़ोत्तरी वापस नहीं होगी, क्योंकि नगर निगम की माली हालत अच्छी नहीं है। बृजेश गोयल ने कहा कि कन्वर्जन व पार्किंग शुल्क के रूप में प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये दिल्ली के लाखों व्यापारी नगर निगम को देते हैं, लेकिन नगर निगम ने बाजारों में पार्किंग, सफाई व शौचालय समेत अन्य जरूरी सुविधाओं पर कोई संतोषजनक काम नहीं किया है, जिसके चलते बाजारों में समस्याओं की भरमार है। अब ऊपर से अपनी खराब आर्थिक हालत को दुरुस्त करने के लिए व्यापारियों का और शोषण करना चाह रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रदर्शन में शामिल आटोमोटिव पाट्र्स मर्चेंट एसोसिएशन (अपमा), कश्मीरी गेट के अध्यक्ष विनय नारंग ने कहा कि पिछले वर्ष व इस वर्ष लंबी अवधि के लाकडाउन से वैसे ही बाजार संकट में है। तमाम आर्थिक दिक्कतों के बीच व्यापारी अपनी सारी ताकत लगाकर फिर से खड़ा होने की कोशिश में है। उसमें इस तरह का तुगलकी फैसला दिखाता है कि नगर निगम का प्रशासन कितना तानाशाह और असंवेदनशील है।

व्यापारी नितिन गुप्ता ने कहा कि नगर निगम के इस फैसले से दिल्ली के व्यापारी बेहद तनाव और चिंता में हैं। इस विरोध प्रदर्शन में कश्मीरी गेट के साथ ही कमला नगर, रोहिणी, मालवीय नगर, सरोजनी नगर व माडल टाउन के कारोबारी शंकर लाल अग्रवाल, तरुण चतुर्वेदी, सुधीर फोगाट व राकेश गुप्ता समेत अन्य शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में चेताते हुए कहा कि अगर इस बढ़ोत्तरी को वापस नहीं लिया गया तो सभी बाजारों में आंदोलन किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.